नक्सलियों का टॉप कमांडर जगदीश पुलिस इनकाउंटर में हो गया ढेर, पुलिस ने रखा था 25 लाख का ईनाम, कई जवानों की शहादत का था गुनाहगार

Top Naxal commander Jagdish was killed in a police encounter, police had announced a reward of Rs 25 lakh on him, he was responsible for the martyrdom of many soldiers

Naxal Jagdish Encounter : खूंखार नक्सली जगदीश पुलिस इनकाउंटर में मार गिराया गया है। जगदीश पर 25 लाख का ईनाम पुलिस ने रखा था। जगदीश कई बड़े पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल था और वो कई जवानों की शहादत का भी गुनाहगार था। छत्तीसगढ़ के चर्चित झीरम नक्सली हमले में भी वो शामिल था। यही नहीं छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए नक्सली हमले में भी शामिल था। इन दोनों बड़े हमले में कई जवान शहीद हो गये थे।

 

 

दरअसल शनिवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक बड़ी मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गये थे। उनमें से जगदीश भी शामिल था। छत्तीसगढ़ के टॉप नक्सली कमांडरों में जगदीश की गिनती होती थी। वो अभी नक्सलियों के बस्तर संभाग के दरभा डिवीजन (डीवीसीएम) का नक्सली इंचार्ज कमांडर भी था।

 

 

40 वर्षीय खूंखार नक्सली कमांडर जगदीश उर्फ बुधरा छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम नक्सली कांड में भी शामिल था। 25 लाख रुपये का एसजेडसी मेंबर इनामी नक्सली जगदीश उर्फ बुधरा साथ 2023 में जिला दंतेवाड़ा के अरनपुर में डीआरजी के जवानों के शहादत वाली घटना में भी शामिल था। वह नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी का इंचार्ज था। वह सुकमा जिले के ग्राम पिट्टेडब्बा थाना कूकानार का निवासी था।

 

 

पुलिस ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वह बस्तर, सुकमा , दंतेवाड़ा और बीजापुर में बीते छह-सात सालों से कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल था। वह पिछले कई वर्षों से नक्सली संगठन में सक्रिय रहकर नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहा था। वह पिछले कई सालों से फोर्स के टारगेट पर था।

 

 

फोर्स ने लॉन्च किया था ‘ऑपरेशन जगदीश’ 

26 अप्रैल 2023 को नक्सल मुठभेड़ के एक दिन पहले भी मुखबिर से दंतेवाड़ा पुलिस को जगदीश और उसके टीम के अरनपुर इलाके में सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद डीआरजी और सीएएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन जगदीश’लॉन्च किया था। उस दौरान सुबह में जगदीश की टीम के साथ जवानों की मुठभेड़ भी हुई थी।

 

करीब एक घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद जगदीश घने जंगल और पहाड़ियों की आड़ लेकर मौके से भाग निकला था। हालांकि जवानों ने घटनास्थल से दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक नक्सली घायल था, उसके कोहनी और पैर में गोली लगी थी। पुलिस जगदीश को पकड़ने के लिये जिंदा या मुर्दा के टारगेट पर काम कर रही थी।

 

17 नक्सली मार गिराये गये 

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में 17 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें 11 महिला नक्सली शामिल हैं। इस मुठभेड़ में 25 लाख के इनामी नक्सली दरभा डिवीजन सचिव और विशेष क्षेत्रीय समिति (SZCM) के सदस्य कुहड़ामी जगदीश उर्फ बुधरा भी मारा गया।

 

सात नक्सलियों की पहचान हुई

अब तक मारे गए 17 नक्सलियों में से 7 की पहचान हो चुकी है, जिनमें शामिल हैं:

1. कुहड़ामी जगदीश उर्फ बुधरा: दरभा डिवीजन सचिव और 25 लाख का इनामी नक्सली, निवासी पाउरगुड़ेम, थाना पामेड़।

2. रोशन उर्फ भीमा पोडियम: एसीएम, निवासी धुरगुड़ा, थाना केरलापाल।

3. सलवम जोगी: केरलापाल एरिया कमेटी का डीएकेएमएस अध्यक्ष (ACM), निवासी गगनपल्ली, थाना एर्राबोर।

4. माड़वी देवे: डिवीजन सीएनएम अध्यक्ष (ACM), निवासी गड़गडीपारा, थाना गादीरास।

5. दसरी कोवासी: सुरक्षा दलम कमांडर (ACM), निवासी कुतरोम, थाना दरभा।

6. हूँगी: पार्टी सदस्या, निवासी निलावाया, थाना अरनपुर।

7. हिड़मे: प्लाटून मेडिकल टीम प्रभारी (PM), निवासी कोरमागोंदी, थाना कुकानार।

 

 

इसी साल 1 करोड़ का ईनामी नक्सली भी मारा गया था।   

इससे पहले 25 मार्च 2025 को नार्थ जोनल में इनामी नक्सली कमांडर मुरली के नाम से मशहूर सुधीर उर्फ सुधाकर को को पुलिस टीम ने मुठभेड़ में मार गिराया था। वह 25 सालों से कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल था। नक्सलियों के बड़े टॉप लीडर की ओर से बैठक लेने की सूचना पर 24 मार्च को दंतेवाड़ा डीआरजी और बस्तर फाईटर्स की टीम रवाना हुई थी।25 मार्च की सुबह 8 बजे ग्राम गिरसापारा, इकेली, नेलगोड़ा, बोड़गा के मध्य जंगल पहाड़ में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। लगातार दोपहर तक मुठभेड़ चलती रही। फायरिंग बंद होने पर सर्च करने पर तीन पुरुष नक्सलियों का शव बरामद हुआ था। इसमें सुधीर उर्फ सुधाकर उर्फ सोनसाय उर्फ मुरली (अंकेसरापु सरैया) जो नक्सलियों की टीम में एसजेडसीएम निवासी तारलापल्ली वारंगल तेलंगाना का रहने वाला था। उसने सन् 1999 में दंडकारण्य क्षेत्र में प्रवेश किया और 2003 में माड़ क्षेत्र के साथ-साथ गढ़चिरौली में मुरली के नाम से सक्रिय रहा।

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