रांची। लेक्चरर भर्ती को लेकर मीडिया रिपोर्ट को राज्य सरकार ने अफवाह कर दिया है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि झारखंड में लेक्चरर भर्ती को लेकर नियमों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। दरअसल पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट में लेक्चरर नियुक्ति में अंक देने के नियमों में बदलाव की बात आयी थी। जिसके बाद अभ्यर्थियों का गुस्सा भड़क गया था। जगह-जगह पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। अब इस मामले में राज्य सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है।

झारखण्ड में लेक्चरर नियुक्ति के मामलों पर निदेशक उच्च शिक्षा सूरज कुमार ने कहा है कि झारखण्ड में लेक्चरर नियुक्ति का मामला विचाराधीन है। नियुक्ति प्रक्रिया पर मंथन हो रहा है। सरकार द्वारा इस विषय पर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

मालूम हो कि विभिन्न माध्यमों से यह प्रकाशित किया गया है कि झारखण्ड ने नैक ग्रेडिंग के आधार पर लेक्चरर नियुक्ति में प्वाइंट देने का नियम बनाया है। जबकि, राज्य सरकार की ओर से अबतक लेक्चरर नियुक्ति के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

क्या है पूरा मामला: 

दरअसल, नियमावली में बदलाव करते हुए राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति में शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले अंक में बदलाव कर दिया है. इसके तहत देश के टॉप शिक्षण संस्थानों से A+ और A++ ग्रेडिंग प्राप्त यूनिवर्सिटी से PHD करने वाले अभ्यर्थियों को 30 अंक दिए जाने का प्रावधान किया गया है. जबकि टॉप 100 में झारखंड की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है. 

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