रांची। प्लस टू स्कूलों में लैब असिस्टेंट के पदों पर जारी विज्ञापन के खिलाफ युवा लामबंद होने लगे हैं। पिछले दिनों अनइंप्लाइड यूथ स्ट्रगल कमेटी झारखंड ने JSSC के लैब असिस्टेंट पदों पर जारी विज्ञापन के खिलाफ प्रदर्शन किया। दरअसल विज्ञापन में नियमों की पेंच की वजह से कई युवा फार्म भरने से वंचित रह रहे हैं। नियमावली के मुताबिक किसी भी दो विषय में 50 प्रतिशत अंक जरूरी है। प्रदेश में कई ऐसे छात्र हैं, जिनके फिजिक्स केमेस्ट्री व बायलोजी में 50 प्रतिशत अंक तो हैं, लेकिन सब्सीडरी के विषय में इतने अंक नहीं होने की वजह से वो आवेदन नहीं भर पा रहे हैं।

सेमेस्टर प्रणाली में बहुत से ऐसे विद्यार्थी हैं, जिनका आनर्स फिजिक्स, केमेसेट्री और बायलोजी है, पर दो सब्सिडियरी विषय नहीं हैं। जाहिर है नियमों के मुताबिक वो आवेदन नहीं भर पायेंगे। वहीं स्नाकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा में कई गड़बड़ियां हैं। होम साइंस, पालिटिकल साइंस, दर्शन शास्त्र , समाजशास्त्र, मानव शास्त्र, उर्दू और क्षेत्रीय भाषा को नियुक्त प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। बीएड-डीएड अपेयरिंग स्टूडेंट को भी फार्म भरने नहीं दिया जा रहा है।

विरोध प्रदर्शन करते छात्र

आपको बता दें कि युवाओं ने पिछले महीने भी इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी और मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था।

विज्ञापन में क्या है गड़बड़ियां

दरअसल झारखंड में साल 2016 से पहले 2 सब्सीडरी पेपर होते थे। लेकिन सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद केवल एक ही सब्सीडरी पेपर दिया जाता है। जिसके कारण कई छात्र परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जायेंगे। यही नहीं सभी यूनिवर्सिटी में साल 2016 से पहले सब्सीडरी का होना अनिवार्य था, जिसमें से आनर्स पेपर में 45 प्रतिशत की अनिवार्यता थी, वहीं सब्सीडरी में केवल उत्तीर्ण 33 प्रतिशत था। विज्ञापन में दिया है कि सब्सीडरी में 50 प्रतिशत होना जरूरी है। ये नियम भी गलत है।

साथ ही ये भी मांग की गयी है कि उम्र सीमा की कट आफ डेट को 2016 किया जाये, क्योंकि कोरोना की वजह से पिछले 2 सालों में कोई भर्तियां नहीं आयी थी। लेकिन विज्ञापन में उम्र सीमा को 2022 का कट आफ रखा गया है। छात्रों ने मांग की है कि आनर्स पेपर में 50 प्रतिशत के साथ आवेदन करने की इजाजत दी जाये।

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