फिरोजाबाद। दारोगा बताकर भौकाल काटने वाले शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि फर्जी आईकार्ड दिखाकर एक शातिर सालों से खुद को दारोगा बताकर लोगों को हड़काने का काम करता था। लेकिन लेकिन जब नकली दारोगा का असली दारोगा से सामना हुआ, तो उसकी सारी शेखी निकल गयी। मामला यूपी के फिरोजाबाद का है। फर्जी दारोगा का नाम मोहित यादव है।

मोहित ने अपने फर्जीवाड़े का जाल ऐसा फैलाया था कि वो आसपास के इलाके में दारोगा जी के नाम से ही मशहूर हो गया था। लेकिन दारोगा बनकर एक विवाद को सुलझाने पहुंचना उसका महंगा पड़ गया। दरअसल, दक्षिण इलाके के इस्लामगंज में दो पक्षों का विवाद हो गया। इसी बीच एक पक्ष ने अपने परिचित मोहित यादव को बुला लिया। मोहित ने खुद को दारोगा बताया और मौके पर पहुंचते ही दूसरे पक्ष को हड़काना शुरू कर दिया। वह उनपर रौब झाड़ने लगा, लोग भी दारोगा समझकर उससे संभलकर बोल रहे थे, लेकिन इसी बीच किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर दिया।

इधर असली पुलिस को देख नकली दारोगा की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। फर्जी दारोगा मोहित वहां से चंपत हो गया। पुलिस उस दारोगा की तलाश में जुटी थी, इसी बीच खबर मिली की फर्जी दारोगा बस स्टैंड के पास रंगदारी वसूल रहा है। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची और फर्जी दारोगा को गिरफ्तार कर लिया।

फर्जी दारोगा बनकर मोहित सालों से रौब झाड़ रहा था। उसने पुलिस के फर्जी आईकार्ड भी बनवा रखे थे. और तो और इन फर्जी आईकार्ड पर उसने एक्सपायरी डेट भी लिख रखी थी। वो भी साल 2055 की। इसी चक्कर में वो पकड़ा गया। पुलिस ने फर्जी दारोगा को गिरफ्तार करते हुए बताया कि वो वर्दी का धौंस दिखाकर कभी टोल टैक्स नहीं देता था।

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