झारखंड : लातेहार के छात्रों का भविष्य संकट में…सरकारी डिग्री कॉलेज की अनुपलब्धता एक बड़ी चुनौती
The future of Latehar students is in danger...the lack of a government degree college is a big challenge

Latehar Education Crisis : लातेहार यह सवाल झारखंड के लातेहार जिले के हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों के दिलों में आज भी जस का तस है। झारखंड गठन के 24 साल बाद भी लातेहार राज्य का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां साइंस और कॉमर्स के लिए कोई भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है।
इंटर में अव्वल लातेहार, लेकिन आगे की पढ़ाई का कोई ठिकाना नहीं
झारखंड इंटरमीडिएट काउंसिल के हालिया परिणामों में लातेहार जिला राज्य में शीर्ष पर रहा। कॉमर्स संकाय में 100% सफलता दर और साइंस में 88% से अधिक छात्र सफल रहे। कुल मिलाकर करीब 1,500 छात्र इंटर पास हुए, लेकिन उनके सामने अब एक नई चुनौती खड़ी हो गई है—आगे की पढ़ाई कहां और कैसे करें?
सरकारी डिग्री कॉलेज के अभाव में छात्रों का पलायन
लातेहार में साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई के लिए एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है। ऐसे में छात्रों को मजबूरन अन्य जिलों का रुख करना पड़ता है या फिर उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए यह स्थिति और भी गंभीर है।
अभिभावक दीपक प्रसाद ने कहा कि बच्चे ने अच्छे अंक प्राप्त किए हैं, लेकिन अब आगे की पढ़ाई के लिए कोई विकल्प नहीं है। सरकार सिर्फ बातें करती है, जमीनी हकीकत कुछ और है।
लातेहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति : विधायक प्रकाश राम
लातेहार विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रकाश राम ने स्वीकार किया कि यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अपने कार्यकाल के दौरान डिग्री कॉलेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
प्रखंड स्तर पर खुलेगा कॉलेज : विधायक रामचंद्र सिंह
मनिका विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि ‘लातेहार के छात्रों ने साबित कर दिया है कि वे प्रतिभाशाली हैं। अगर उन्हें सुविधाएं दी जाएं तो शिक्षा में क्रांति संभव है’। उन्होंने कहा कि सरकार प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज की स्थापना के लिए प्रयासरत है।
दिशा की बैठक में प्रस्ताव, केंद्र सरकार को भेजा जाएगा
सांसद कालीचरण सिंह ने जानकारी दी कि सरकारी डिग्री कॉलेज की मांग का प्रस्ताव ‘दिशा’ की बैठक के माध्यम से भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को पिछड़े जिलों की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीरता से ध्यान देना होगा, ताकि हर वर्ग का छात्र उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हो सके।
कब मिलेगी उच्च शिक्षा की सुविधा
लातेहार जैसे पिछड़े जिले में उच्च शिक्षा की कमी एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। इंटरमीडिएट के बाद छात्रों के पास या तो बाहर पलायन करने का विकल्प है या पढ़ाई छोड़ने का। ऐसे में सरकार और जनप्रतिनिधियों के दावों को हकीकत में बदलना जरूरी है।