झारखंड विधानसभा में भ्रष्टाचार पर बवाल, सत्ता पक्ष के विधायक कार्रवाई की मांग करते रहे, आधा घंटे बाद भी मंत्री नहीं हुए टस से मस..

Ruckus over corruption in Jharkhand assembly, ruling party MLAs kept demanding action, even after half an hour the minister did not budge..

Jharkhand Vidhansabha : झारखंड विधानसभा आज भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खूब गरमाया। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष के विधायकों ही मंत्री योगेंद्र को घेरा। हालांकि सत्ता पक्ष के विधायक दोषी अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन मंत्री इस मामले को लेकर समय मांगते रहे।

दरअसल पूजा मामला पीएचई विभाग के भ्रष्टाचार से जुड़ा था। विधानसभा में बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में कथित घोटाले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के विधायकों ने विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

 

यह मामला रांची में स्वर्णरेखा परियोजना के तहत हुए करोड़ों रुपये के अवैध निकासी से जुड़ा है, जिसमें रोकड़पाल संतोष कुमार ने अपने खाते में 30 करोड़ रुपये जमा किए। इस मामले में कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार निकासी सह व्ययन पदाधिकारी (डीडीओ) की जिम्मेदारी में थे, लेकिन प्राथमिकी सिर्फ रोकड़पाल पर दर्ज की गई।

 

मामले को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने विधानसभा में उठाया। उनका कहना था कि करोड़ों की राशि की बंदरबांट में कार्यपालक अभियंता भी शामिल हैं। सत्ता पक्ष के विधायकों स्टीफन मरांडी, रामेश्वर उरांव, हेमलाल मुर्मू और मथुरा प्रसाद महतो ने भी प्रभात कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

 

सभी विधायकों का कहना था कि विभागीय जांच चल रही है, तो इसका मतलब है कि प्रभात कुमार दोषी हैं और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।विधानसभा में इस मुद्दे पर जबरदस्त बहस हुई। प्रदीप यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार के मामलों में समझौता कर रही है।

 

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रभात कुमार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वह धरने पर बैठ जाएंगे। इस बीच, स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने भी सदन की गंभीरता को देखते हुए सरकार से उचित कदम उठाने की अपील की।स्टीफन मरांडी ने आरोप लगाया कि कार्यपालक अभियंता को बचाने की साजिश चल रही है।

रामेश्वर उरांव ने कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मथुरा महतो ने भी इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की, जबकि हेमलाल मुर्मू ने कहा कि पूरे घोटाले में सिर्फ रोकड़पाल को दोषी ठहराना सही नहीं है।

 

इस पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र महतो ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार जांच कर रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि रोकड़पाल संतोष कुमार पर पहले ही प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है और वह जेल में हैं।

मामले की जांच के लिए एसीबी को भी लिखा गया है। मंत्री ने एक सप्ताह का समय मांगा और कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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