कुर्सी का मोह हेडमास्टर को पड़ा महंगा, हो गये सस्पेंड, अधिकारियों के निर्देश को बार-बार दिखा रहे थे ठेंगा…
The lure of the chair proved costly for the headmaster, he got suspended, he was repeatedly defying the instructions of the officers...

Teacher Suspend : कुर्सी का मोह हेडमास्टर को महंगा पड़ गया। डीईओ की अनुशंसा पर हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। मामला समस्तीपुर के सिंघिया का है, जहां प्रखंड विकास पदाधिकारी ने सरकारी सेवक के आचरण के विरुद्ध कार्य करने, विभागीय आदेश की अवहेलना, वित्तीय अनियमितता, अनुशासनहीनता एवं मनमानेपन के आरोप में उत्क्रमित मध्य विद्यालय श्रीपुर मौआन के प्रभारी प्रधानाध्यापक अविनाश झा को निलंबित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक हेडमास्टर को चार्ज सीनियर शिक्षक को देने का आदेश दिया गया था, लेकिन अधिकारियों के बार-बार निर्देश के बावजूद प्रभारी प्रधानाध्यापक चार्ज देने को तैयार नहीं थे, जिसके बाद अविनाश झा को निलंबित करने का आदेश दिया गया। आरोप है कि वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना के साथ-साथ वो विद्यालय का संचालन भी सही ढ़ंग से नहीं करा पा रहे थे।
निलंबन कार्रवाई की सूचना बीडीओ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी। प्रभारी प्रधानाध्यापक पर प्रमाणित आरोपों के संदर्भ में 31 दिसंबर को प्रखंड प्रमुख सह प्रखंड शिक्षक नियोजन समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठक हुई थी।बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में कार्रवाई की गई। श्री झा का मुख्यालय संकुल संसाधन केंद्र वसुआ अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय कविलासी निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार झा ने पूर्व में उत्क्रमित मध्य विद्यालय श्रीपुर मौआन द्वारा वरीय शिक्षक को प्रभार हस्तगत कराने का आदेश दिया था। प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बार-बार स्मारित किए जाने के बाद भी प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय का प्रभार नहीं दिया जा रहा था। इसके साथ ही विद्यालय का संचालन भी सही ढ़ंग से नहीं किया जा रहा था। इसको लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पूरे मामले से अवगत करा दिया।
रिपोर्ट में बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के मनमानी अड़ियल रवैया के कारण विद्यालय व्यवस्था पूर्णत: बाधित है। इनके द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही एवं वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना से यह स्पष्ट होता है कि इन्हें विद्यालय से काेई लेना देना नहीं है। इसको लेकर प्रपत्र क गठित करते हुए निलंबन करने का अनुरोध किया गया था। इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने निलंबित कर विभागीय कार्यवाही संचालित करने की अनुशंसा की थी।