किस काम के ये चिकित्सक और CHO…..! ANM और कर्मी संभाल रही स्वास्थ्य व्यवस्था…सिविल सर्जन के पत्र ने की पुष्टि, उपायुक्त के आदेश पर मचा बवाल

What are these doctors and CHOs for.....! ANMs and workers are managing the health system... Civil surgeon's letter confirmed it, created a ruckus

Dhanbad health: भ्रष्ट्राचार के कई मामले में बदनाम सिविल सर्जन कार्यालय न सिर्फ अपने कारनामे के कारण सुर्खियों में है बल्कि जिले भर की स्वास्थ्य व्यवस्था सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों के भरोसे चल रहा है।ये कोई और नहीं बल्कि जिले के सिविल सर्जन ने पत्र जारी कर खुद इसकी पुष्टि की है।

दरअसल मामला जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था की उपलब्धि कम होने पर उपयुक्त द्वारा नाराजगी जताने के बाद सिविल सर्जन द्वारा सभी प्रभारी को भेजे पत्र से जुड़ा है। जैसे ही ये पत्र सभी केंद्रों तक पहुंची तो चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर ये चिकित्सक किस काम के हैं जब सारी जवाबदेही स्वास्थ्यकर्मियों की है? यदि जवाबदेही सिर्फ ANM की है तो मोटी तनख्वाह पर नियुक्त ये चिकित्सक और CHO विकास काम के….!

क्या है पत्र में…

मालूम हो कि 20 अगस्त को जिले के उपायुक्त द्वारा स्वास्थ्य समीक्षा की गई थी जिसमें प्रसव दर की उपलब्धि कम होने पर कड़ी नाराजगी जताई गई थी और आदेश दिया गया था कि उपलब्धि 50% होने पर ही डॉक्टर और कर्मियों का वेतन जारी किया जाय उपलब्धि पूर्ण होने तक वेतन अवरुद्ध रखा जाय।

समीक्षा बैठक का हवाला देकर जिले के सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने सभी प्रभारी को पत्र लिखकर जिलेभर की ANM और कर्मियों के वेतन बंद रखने का आदेश जारी कर दिया।पत्र जारी होने पर जिले भर के कर्मियों में हलचल मच गई।

किस काम के चिकित्सक

स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रखने में डॉक्टर और कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है और दोनों एक दूसरे के पूरक होते है।डॉक्टर की जिम्मेदारी और कार्यशैली देखकर ही मरीज अपना इलाज कराने संस्थान पहुंचते हैं। परंतु सिविल सर्जन के पत्र से साफ जाहिर है कि स्वास्थ्य व्यवस्था में डॉक्टर का कोई योगदान नहीं है।

ANM के भरोसे प्रसव कार्य … कहां तक उचित

सिविल सर्जन के पत्र में जिस तरह से ANM  और संबंधित कर्मियों पर निशाना साधा गया है उससे साफ पता चलता हद की जिले भर में सिर्फ ANM के भरोसे ही प्रसव सम्बन्धी कार्य संपादित किए जा रहे है। चिकित्सक और CHO की कोई भूमिका नहीं है तो सवाल उठना लाजिमी है कि मोटी तनखवाह पर चिकित्सक और CHO की नियुक्ति क्यों? जबकि प्रसव कार्य में सबसे ज्यादा भूमिका CHO और डॉक्टर की होनी चाहिए जिसके लिए उनकी नियुक्ति ही की गई है।

 

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