मधेपुरा। पुलिस अफसरों को कालगर्ल सप्लाई मामले में बड़ा एक्शन हो सकता है। DSP अमरकांत चौबे सहित अन्य पुलिस अफसरों के खिलाफ जांच हुई है। खबर है कि जांच रिपोर्ट डीजीपी को भेज दी गयी है। इससे पहले डीआईजी ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित करते हुए तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। मधेपुरा पुलिस डीएसपी अमरकांत चौबे पर देह व्यापार का गिरोह चलाने महिला ने वायरल वीडियो में जिस तरह के आरोप लगाये गये हैं, उससे एक बात तो साफ है कि अमरकांत ही नहीं कई अन्य पुलिसकर्मियों को भी लड़कियां सप्लाई की जाती थी।

रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि विभागीय अधिकारियों के बीच चल रही प्रतिद्वंदिता के चलते ही वीडियो लीक किया गया। कार्लगर्ल सप्लायर के सीडीआर (मोबाइल काल रिकार्ड) में कई लोगों के नंबर पाए हैं। इनमें कुछ पुलिसकर्मी और कुछ अन्य पेशे से जुड़े लोग शामिल हैं। पुलिस अब ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करने का मन बना रही है। गौरतलब हो कि महिला के वायरल वीडियो में भी वो ऐसा कहते सुनाई दी कि जिस लड़की को लेकर वो डीएसपी के डेरे में गई, उस लड़की की उम्र 20 से 22 साल थी और वो अविवाहित थी।

 रैकेट चलाने वाली महिला पूर्व में कई लोगों को लड़कियां सप्लाई करती थी। उसकी पूरी एक्टिविटी की जांच की गई है। बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट डीजीपी को भी सौंप दी गई है। जांच रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि एसपी के मोबाइल चोरी की घटना को वरीय अधिकारियों से छिपाया गया। यह घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता दर्शाता है।

वीडियो वायरल करने के पीछे साजिश

दो डीएसपी के बीच विभागीय प्रतिद्वंदिता के चलते, इस वीडियो को टेक्निकल सेल के कर्मियों की मदद से तैयार किया गया और फिर आम लोगों के बीच वायरल कर दिया गया। वायरल वीडियो का सोर्स पुलिस महकमे का टेक्निकल सेल ही रहा। ये कर्मी पूर्व में मधेपुरा में पदास्थापित था। इस मामले में यह भी बात निकलकर सामने आ रही है कि पुलिस वाले के साथ-साथ आरपीएफ के कर्मियों ने भी उस महिला से संपर्क किया था। महिला का नेटवर्क मूल रूप से मधेपुरा में ही था। वो सहरसा से भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर ग्रहकों के पास लेकर जाती थी। बदले में कमीशन लेती थी। 

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