रांची। अधिकारियों से राज्यपाल रमेश बैस बेहद नाराज हैं। निजी विश्वविद्यालयों की जांच के उनके आदेश के बावजूद अफसरों ने अभी तक इस मामले में जांच नहीं की। गुरुवार को राज्यपाल ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फिर से निर्देश दिया है कि वो निजी विश्वविद्यालयों की वस्तुस्थिति की जानकारी उपलब्ध कराये। राज्यपाल ने पूछा है कि प्रदेश में कौन-कौन से ऐसे प्राइवेट विश्वविद्यालय हैं, जो यूजीसी के मापदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं।

राज्यपाल ने इससे पहले जून माह में ही उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की स्वीकृति दी थी। साथ ही दो माह के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन एक माह बाद भी अभी तक जांच ही शुरू नहीं हुई। राज्यपाल ने गुरुवार को राजभवन में बैठक में इसे लेकर नाराजगी जतायी। राज्य में स्थापित निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ समीक्षा बैठक में राज्यपाल ने कई बिंदुओं पर कमियां पायी, जिसे लेकर उन्होंने आपत्ति भी जतायी। राज्यपाल ने निजी विश्वविद्यालयों को अति शीघ्र यूजीसी एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन करने और आधारभूत सरंचना विकसित करने के निर्देश दिये।  

राज्यपाल ने राज्य सरकार के अधिकारियों को कहा है कि जिस विश्वविद्यालय के पास जमीन और भवन हो, उसे ही मान्यता दी जाये। राज्यपाल ने गाइडलाइन में उस नियम के संशोधन की भी बात कही है, जिसमें ये कहा गया है कि निजी विश्वविद्यालय को संचालन के तीन साल में अपना भवन एवं आधारभूत संरचना सुनिश्चित करनी होगी। राज्यपाल ने कहा कि बुनियादी चीजें जैसे भवन और जमीन संस्थान के पास मान्यता प्राप्त के पहले होना चाहिये।

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