शर्मनाक! नौकरी मिलने से पहले ही ‘घूस का पहला पाठ’, सिविल सर्जन ऑफिस में सर्टिफिकेट के नाम पर शिक्षकों से वसूली?
Shameful! "The first lesson in bribery" before even getting a job: Extortion from teachers in the name of certificates at the Civil Surgeon's office?

Chatra: जिले में सरकारी नौकरी ज्वाइन करने से पहले ही नव नियुक्त शिक्षकों को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि सिविल सर्जन कार्यालय में बिना 1500 से 2000 रुपये ‘सहूलियत शुल्क’ दिए किसी भी उम्मीदवार को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। दो दिनों से लगातार चक्कर लगाने के बावजूद जिन अभ्यर्थियों ने पैसे देने से इनकार किया, उनके फॉर्म पेंडिंग रखे जा रहे हैं। वहीं, ‘निर्धारित राशि’ देने वाले उम्मीदवारों को कुछ ही मिनटों में प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया जा रहा है।
खुलेआम सक्रिय दलाल, रेट लिस्ट के हिसाब से वसूली
पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि कार्यालय परिसर में दलाल खुले तौर पर सक्रिय हैं, जो मेडिकल सर्टिफिकेट ‘जल्दी दिलाने’ के नाम पर अभ्यर्थियों से वसूली कर रहे हैं। इस नेटवर्क में एक प्रोन्नत कर्मचारी, फोर्थ ग्रेड स्टाफ और कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका होने के आरोप लगे हैं। शिकायतों में यह भी कहा गया है कि दस्तावेजों पर अनावश्यक देरी जानबूझकर की जा रही है, ताकि उम्मीदवार मजबूरी में भुगतान करने को तैयार हो जाएं।
सिविल सर्जन की अनुपस्थिति पर बढ़े सवाल
शिकायतों के बाद कार्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बताया गया है कि सिविल सर्जन डॉ. जगदीश प्रसाद अक्सर कार्यालय में मौजूद नहीं रहते। अभ्यर्थियों का आरोप है कि प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर भी बाहर बैठकर किए जा रहे हैं, जबकि अधीनस्थ कर्मचारी कार्यालय के अंदर वसूली का पूरा खेल संचालित कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि वे शनिवार से लगातार कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना अवैध भुगतान के उनके दस्तावेजों पर साइन नहीं किए जा रहे।
जांच और कार्रवाई की मांग तेज
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। नव नियुक्त शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया की शुरुआत ही जब भ्रष्टाचार से हो रही है, तो उनका मनोबल प्रभावित हो रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।









