छत्तीसगढ़ में देश का पहला मामला: कांग्रेस कार्यालय सीज, विरोध में फूंका गया ईडी का पुतला

रायपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़ की राजनीति में शनिवार को उस समय भूचाल आ गया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुकमा ज़िले में कांग्रेस के जिला कार्यालय को अटैच (सीज) कर दिया। बताया जा रहा है कि यह देश का पहला मामला है जब किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को ईडी ने सीज किया है। यह कार्रवाई राज्य में हुए शराब घोटाले की जांच के तहत की गई है।

लखमा पर गंभीर आरोप, उनके घर और बेटे की संपत्तियां भी सीज

ED के अनुसार, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर शराब घोटाले से अर्जित धन से सुकमा में कांग्रेस कार्यालय बनवाया। यही नहीं, उनके रायपुर और सुकमा स्थित बंगलों और बेटे के मकान को भी इसी घोटाले से जुड़े पैसों से बने होने का आरोप है। इसी आधार पर ईडी ने इन सभी संपत्तियों को अटैच कर लिया है।

कांग्रेस का तीखा विरोध, जिलों में फूंका गया पुतला

ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतर आई है। शनिवार, 14 जून को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी और केंद्र सरकार का पुतला दहन कर प्रदर्शन किया। पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित और विपक्ष को डराने की कोशिश करार दिया।

“ED कांग्रेस का कार्यालय सीज कर सकती है, कांग्रेस को नहीं” – दीपक बैज

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा,

“यह देश में पहली बार हुआ है कि किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यालय को सीज किया गया हो। ईडी को जो भी जानकारी चाहिए थी, हमने पूरी पारदर्शिता से लिखित में दे दी थी। यह लोकतंत्र पर हमला है।”

उन्होंने आगे कहा,

“ईडी कांग्रेस का कार्यालय सीज कर सकती है, लेकिन कांग्रेस को नहीं। हम हर मंच पर विरोध करेंगे।”

मुख्यमंत्री साय ने किया कार्रवाई का समर्थन

वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा,

“जिसने भ्रष्टाचार किया है, उसी पर कार्रवाई हो रही है। कांग्रेस को पांच साल में जो करना था, उसने किया। अब जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। यदि कांग्रेस को लगता है कि अन्याय हुआ है, तो वह न्यायालय जा सकती है।”

देश में पहली बार किसी राजनीतिक दल के दफ्तर पर ED की सीधी कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग मान रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है।

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