रांची Jharkhand Old Pension Scheme: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की 26 जून को पुरानी पेंशन के लागू करने के 15 अगस्त की डेड लाइन विभाग को मंथन करने पर विवश कर दिया है। विभाग उन हरेक पहलू पर विचार कर रहा है जो पुरानी पेंशन लागू करने में बाधा उत्पन्न कर रहे है।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा 26 जून को कर्मचारीयों के महासम्मेलन में आकर मंच से 15 अगस्त तक पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा करते ही विभाग रेस हो गया है।

किन किन बातों पर चल रहा है मंथन-

सबसे बड़ा पेंच पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (PFRDA I) को लेकर है जिसमे न्यू पेंशन स्कीम में कार्यरत कर्मियों के जमा फंड को लेकर है,जिसमे सरकारी कर्मचारियों और राज्य सरकार की अंशदान की जमा राशि है। वित्त विभाग के अनुसार ये राशि करीब 17000 करोड़ है।
इतने बड़े फंड जो भारत सरकार के नियंत्रण में है वो फिलहाल राज्य सरकार को लौटाने के मूड में दिखती नही है।

हाल ही में छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकार ने पुरानी पेंशन लागू तो कर दी ,वहाँ के सरकारी कर्मचारियों के CPF की कटौती भी बंद कर दी गई है,इसके बाबजूद भारत सरकार द्वारा फंड वापसी की दिशा में कोई कारवाई नही की गई,लिहाजा दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को फंड वापसी के लिए पत्र भी लिखा है।

इन कारणों से पुरानी पेंशन लागू करने से संबंधित वित्त एवम अन्य विभाग की उच्चस्तरीय कमिटी इस बात पर गम्भीरता से मंथन कर रही है कि यदि भारत सरकार फंड वापस नही करती है तो न्यायालय की शरण कैसे ली जा सकती है।

सरकार की साख बचाने की चुनौती

वित्त विभाग एवम अन्य विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती सरकार की साख बचाने की है क्योंकि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन खुद कर्मचारियों के विशाल जनसमूह के बीच मे 15 अगस्त तक कि डेड लाइन तय कर पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा की है। यदि समय पर पुरानी पेंशन लागू नही होती है तो सरकार की छवि धूमिल होगी, कर्मचारियों में असंतोष फैलेगा ,लिहाजा कर्मचारी आंदोलन करने सड़क पर उतरेंगे उसका असर सरकार पर भी दिखेगा। इसलिए ऐसी सम्भावना होने से पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा लागू कराना विभाग की चुनौती है।

पुरानी पेंशन लागू होने से 1 लाख 35 हज़ार कर्मचारियों का मिलेगा समर्थन-

वर्तमान में झारखंड में करीब 1 लाख 95 करोड़ सरकारी कर्मचारी कार्यरत है जिसमे करीब 1 लाख 35 हज़ार कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत कार्यरत है। पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारी लाभान्वित होंगे। वर्ष 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम बन्द है और कर्मचारी न्यू पेंशन अंतर्गत कार्यरत है।

पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा में किसने कराई फेरबदल

कर्मचारी संघटन की माने तो 26 जून के महासम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य के वित्तमंत्री श्री रामेश्वर उराँव आमंत्रित थे,परन्तु इन्ही सारी समस्याओं के कारण उन्होंने महासम्मेलन में कर्मचारियों के बीच आना उचित नही समझा। साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह 17000 करोड़ के फंड के इंतजाम के बाद ही पुरानी पेंशन लागू करने की बात लगातार मुख्यमंत्री से कर रहे थे। जिस कारण मुख्यमंत्री को अंतिम समय मे 15 अगस्त की डेडलाइन तय करनी पड़ी अन्यथा 26 जून को पुरानी पेंशन लागू करने की मंशा स्पष्ट थी।

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