डीसी की कार, AC, पंखे जब्त करने का कोर्ट ने दिया आदेश, पुलिस प्रशासन में मच गया हड़कंप, जानिये कोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश
The court ordered to seize DC's car, AC, fans, there was a stir in the police administration, know why the court gave this order

Court Order : कोर्ट के आदेश की अवहेलना अफसरों को इस कदर महंगा पड़ा कि पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कोर्ट के आदेश पर डीसी की कार से लेकर आफिस के एसी और पंखे तक जब्त करने का आदेश जारी हो गया। दरअसल एक परिवार ने 77 साल तक कोर्ट की लड़ाई लड़ी। जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ने के बाद कोर्ट में जीत मिली, लेकिन कोर्ट के आदेश को उपायुक्त कार्यालय ने अनदेखा कर दिया। जिसके बाद कोर्ट ने डीसी की कार से लेकर अन्य सामान को अटैच करने का आदेश दे दिया।
मामला पटियाला का है, जहां कमाल अहमद नाम के शख्स ने जमीन को लेकर याचिका दायर की थी। कोर्ट में दायर याचिका को लेकर कहा गया कि फातिमा वर्ष 1947 से पहले यहां पटियाला के गांव झिल में रहती थीं। बंटवारे के बाद उन्हें गांव छोड़ना पड़ा और मालेरकोटला जिले में रहने लगीं। माहौल ठीक होने के बाद वह गांव झिल में अपनी जमीन ढूंढ़ने पहुंचीं तो पता चला कि सरकार ने जमीन बेच दी।
इसके बाद परिवार ने जमीन लेने के लिए कोर्ट में अपील की। 2008 में फातिमा की मौत हो गई। 2014 में लोअर कोर्ट ने जमीन लौटाने का फैसला सुनाया। इसके बाद प्रशासन ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने भी लोअर कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
सुप्रीम कोर्ट ने भी 2023 में उनके हक में फैसला सुनाते हुए जिला प्रशासन को उस लेवल की जमीन या फिर मौजूदा मार्केट रेट के हिसाब से पैसे देने का फैसला सुनाया है। चार महीने पहले मामले में लोअर कोर्ट ने डीसी की गाड़ी इस केस में अटैच कर दी।
साथ ही डीडीपीओ की गाड़ी, डीसी दफ्तर, कमिश्नर दफ्तर, एसडीएम दफ्तर और तहसील दफ्तर के एसी,पंखे,कुर्सियां,टेबल,वाटर कूलर और अलमारी तक को अटैच करने के निर्देश जारी किए। जब आदेश का पालन नहीं हुआ तो वीरवार को कोर्ट की टीम डीसी दफ्तर, कमिश्नर दफ्तर, एसडीएम दफ्तर और तहसील दफ्तर में लगे एसी, पंखे, कुर्सियां, टेबल, वाटर कूलर, अलमारी व अन्य सामान उठाने पहुंच गई। इससे अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई।
हालांकि तुरंत ही इसकी सूचना पुलिस को भी दी गयी, लेकिन याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट का ऑडर दिखाया गया तो पुलिस प्रशासन की टीम भी सहम गयी। हालांकि काफी गुजारिश के बाद सोमवार तक का वक्त लिया गया है। जिसके बाद याचिकाकर्ता वापस लौट आये।