झारखंड कांग्रेस की कमान : केशव महतो कमलेश के हाथों से निकल जाएगी जिम्मेदारी?

Jharkhand Congress command: Will the responsibility slip out of Keshav Mahato Kamlesh's hands?

16 अगस्त 2024 को झारखंड कांग्रेस के संगठन में बड़ा बदलाव किया गया था. राजेश ठाकुर के हाथों से कांग्रेस की कमान ले कर उस केशव महतो कमलेश के हाथों में सौंप दी गई थी. 16 अगस्त को केशव महतो कमलेश को झारखंड कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़ा , कांग्रेस ने 16 सीटें अपने नाम की और गठबंधन में रहकर सरकार का हिस्सा भी बनी.

प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशों की अवहेलना

लेकिन अब झारखंड कांग्रेस में केशम महतो कमलेश के निर्देशों की अवहेना की जा रही है. झारखंड कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष की कमान ढीली पड़ती नजर आ रही है क्योंकि झारखंड कांग्रेस के संगठन में निचले स्तर पर ऑल इज वेल नहीं लग रहा है. पिछले कुछ दिनों में झारखंड कांग्रेस के 44 प्रखंड अध्यक्षों को हटा दिया गया है. इनके खिलाफ विभिन्न जिलों में बने कनेक्ट सेंटरों से शिकायत भी की गई. बता दें प्राथमिक शिकायत यही थी कि बार-बार फोन करने के बावजूद इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है और इन्हीं शिकायतों के आधार पर प्रखंड अध्यक्षों को हटा दिया गया.

जहां कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जहां जमीनी स्तर पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं और सबसे छोटी इकाइयों को मजबूत करने की बात कर रहे हैं वहीं झारखंड कांग्रेस में प्रखंड स्तर पर कार्यकर्ताओं को हतोत्साहित किया जा रहा है. पार्टी में टूट के आसार बन रहे हैं. झारखंड कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.

खबरों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश पार्टी के लिए जो निर्णय ले रहे हैं उसका तत्काल विरोध हो जा रहा है. उनके द्वारा लिए गए कुछ फैसले तक सले पलटे भी गए हैं.

धनबाद 6 प्रखंडों के बदले अध्यक्ष

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नौ मई को धनबाद जिले के छह प्रखंडों के अध्यक्षों को बदला गया. इनमें धनबाद, तोपचांची, एगारकुंड, बलियापुर, सिंदरी और बाघमारा प्रखंड के अध्यक्षों को बदला गया .इसके महज चंद दिनों के अंदर 19 मई को पार्टी ने अपना निर्णय बदल लिया और छह से घटाकर पांच प्रखंड अध्यक्षों को हटाने का निर्णय लिया गया. 19 मई को पलामू के पांच प्रखंडों के अध्यक्षों को बदला गया. इसी क्रम में बोकारो के चास और चंदनकियारी के प्रखंड अध्यक्षों को भी बदला गया. साथ ही इन्हीं प्रखंडों में नए प्रखंड अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई. जिला अध्यक्षों से तीन-तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं के नाम मांगे गए. बढ़ते विवाद के बीच कई लोगों ने शिकायत ऊपर तक पहुंचाई और फिर कार्रवाई रोक भी दी गई.

झारखंड कांग्रेस के भीतर चल रही इन तमाम गतिविधियों के बीच कुछ प्रखंड अध्यक्ष तो बदल दिए गए और कुछ ने वापस अपनी सीट पा ली लेकिन पार्टी के कई कर्मठ कार्यकर्ता राजनीति छोड़कर घर बैठने की तैयारी में जुट गए हैं.

संविधान बचाओ रैली में शामिल हुए प्रदेश अध्यक्ष

वहीं बात प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की करें तो फिलहाल वो संविधान बचाओ रैली में शामिल होने गढ़वा पहुंचे हैं.

झारखंड कांग्रेस में अब क्या-क्या बदलाव होंगे या राष्ट्रीय नेतृत्व अब झारखंड कांग्रेस को मजबूत करने की पहले खुद करेगी ये तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा.

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