जांबाज इंस्पेक्टर अपने ही विभाग से हारा: नक्सलियों के खिलाफ बहादूरी पर मिला था आउट आफ टर्न प्रमोशन, पुलिस ने ही नहीं सुनी शिकायत तो मार ली गोली…
Brave inspector defeated by his own department: He got out of turn promotion for his bravery against Naxalites, police didn't even listen to the complaint so he shot him...

Police News: नक्सलियों के खिलाफ जाबांजी के लिए जिस पुलिस अफसर को आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बनाया था, वो बहादूर पुलिस इंस्पेक्टर अपने ही विभाग से हारकर अपनी जिंदगी दे दी। मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर का है, जहां पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा मे तैनात कंपनी कमांडर ने बैरक में खुद को गोली मार ली। इंस्पेक्टर का नाम अनिल सिंह है, जो मध्यप्रदेश का रहने वाला था।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के पुलिस मुख्यालय में तैनात कंपनी कमांडर (इंस्पेक्टर) ने खुद को गोली मार ली थी। इंस्पेक्टर की दो दिन पहले अपने सहकर्मी पुलिस वाले से विवाद हुआ था। दोनों के बीच मारपीट हुई थी जिसके बाद अनिल सिंह गहरवाल ने इसकी शिकायत थाने में की थी। हालांकि इस मामले में कोई भी एक्शन नहीं लिया गया। जिससे दुखी होकर इंस्पेक्टर ने जान दे दी।
बताया जा रहा है कि थाने में अनिल सिंह ने स्टाफ को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने अपने सहकर्मी के साथ विवाद का जिक्र किया था। हालांकि इंस्पेक्टर ने शिकायत किसके खिलाफ दी गई और इस पर पुलिस ने एक्शन क्यों नहीं लिया। इस सवाल का जवाब पुलिस अधिकारी नहीं दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय रायपुर में तैनात छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स के कंपनी कमांडर (इंस्पेक्टर) ने खुद को गोली मार ली थी। इंस्पेक्टर PHQ की सुरक्षा में लगी बटालियन का अफसर था।
मृतक इंस्पेक्टर अनिल सिंह गहरवाल सतना, मध्यप्रदेश का रहने वाला था। उम्र लगभग 46 साल बताई जा रही है। उसने अपने बैरक में खुद की सर्विस रिवॉल्वर से सिर के हिस्से में गोली मारी है। इस घटना के बाद पुलिस कैम्प में हड़कंप मच गया। गोली की आवाज सुनते ही दूसरे कमरों से निकलकर जवान मौके पर पहुंचे।
मृतक अनिल के परिचितों से मिली जानकारी के मुताबिक, अनिल छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स में कॉन्स्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे। विभागीय प्रमोशन से हेड कॉन्स्टेबल बने। फिर नक्सल मोर्चे में लंबी ड्यूटी और वीरता पूर्ण कार्यों के लिए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला। जिस वजह से प्रमोट होकर कंपनी कमांडर बने थे।