झारखंड में शव देकर किया गया घिनौना खेल…युवक की जगह यूपी के युवक का शव परिजनों को सौंपा गया…मचा हड़कंप
A disgusting game was played by giving the dead body in Jharkhand... Instead of the youth, the body of a youth from UP was handed over to the family... there was a stir

पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत तरतरा गांव के लोग इन दिनों गहरे आक्रोश में हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी और विदेश मंत्रालय के प्रति उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है। वजह है उनके गांव के युवक अह्लाद नंदन महतो के साथ हुआ एक बेहद चौंकाने वाला और दुखद घटनाक्रम। अह्लाद पिछले वर्ष अगस्त में रोजगार के सिलसिले में ईरान गए थे। 28 मार्च को उनके परिजनों को सूचना मिली कि एक जहाज दुर्घटना में उनकी मौत हो गई है। इस खबर ने पूरे परिवार और गांव को गमगीन कर दिया। शोकाकुल परिजनों ने सभी सरकारी औपचारिकताएं पूरी कीं और करीब एक महीने तक इंतजार करने के बाद अंततः 28 अप्रैल को शव गांव पहुंचा।
लेकिन दुख और हैरानी की इंतहा तब हो गई जब दाह संस्कार की तैयारी के दौरान ताबूत खोला गया। ताबूत में अह्लाद का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी शिवेंद्र प्रताप सिंह का शव निकला। अह्लाद के भाई रघुनंदन महतो ने इसे ‘सरकारी तंत्र की क्रूर लापरवाही’ और ‘भद्दा मजाक’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता एयरपोर्ट पर उन्हें शव की पहचान करने का मौका तक नहीं दिया गया सिर्फ दस्तखत लेकर ताबूत उनके हवाले कर दिया गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई, और शव की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई?
फिलहाल, शिवेंद्र प्रताप सिंह का शव चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया है और उनके परिजनों के आने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, अब सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि अह्लाद नंदन महतो का पार्थिव शरीर आखिर कहां है? प्रशासन और संबंधित एजेंसियों से अब तक इस संबंध में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।