मईया सम्मान योजना से जुड़ी अबतक की बड़ी खबर, कट गए 18 लाख महिलाओं के नाम, कहीं आपका नाम तो नहीं…

मईया सम्मान योजना से जुड़ी अबतक की बड़ी खबर, कट गए 18 लाख महिलाओं के नाम, कहीं आपका नाम तो नहीं...

Ranchi: हेमंत सरकार की मईया सम्मान योजना जितनी सुर्खियों में रही है उतना ही गहरा रिश्ता विवादों से भी रहा है। चुनावी घोषणा के नाम पर विपक्षी पार्टी लगातार हमलावर है। वहीं अब नया विवाद सामने आ रहा है। हेमंत सरकार ने एक ही झटके में 18 लाख महिलाओं के नाम काट दिए है।

 विधानसभा में घोषणा के मुताबिक हेमंत सरकार ने होली से पहले मंईयां सम्मान योजना की राशि जारी कर दी है. अब तीन महीने की बकाया राशि एक साथ लाभार्थियों के खाते में पहुंच रही है.

इस बीच नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर आरोप लगाया है कि 18 लाख महिलाओं के खाते में मंईयां सम्मान की राशि रोक दी गई है. इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए सीएम हेमंत सोरेन से सवाल भी किया है. जिसके बाद जेएमएम की ओर से जवाब भी दिया गया है.

बाबूलाल मरांडी ने लगाया ये गंभीर आरोप

 नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है कि “हेमंत सोरेन जी ने चुनाव से पहले 56 लाख महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की राशि देने की घोषणा की थी, लेकिन सिर्फ 38 लाख को ही दी. हेमंत जी, बाकी 18 लाख महिलाओं ने आपका क्या बिगाड़ा है?”

सोशल मीडिया पर लिखी ये बात

बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा कि, “अभी मात्र 38 लाख महिलाओं के खाते में ही राशि भेजी जा रही है. शेष 18 लाख महिलाओं की राशि अपात्रता या तकनीकी बाधा या अन्य कारण बताकर रोक दी गई है. राज्य सरकार बहानेबाजी बंद कर सभी महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की राशि जारी करे, अन्यथा भाजपा महिलाओं के पक्ष में चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी.”

JMM ने भी किया पलटवार

जेएमएम ने बीजेपी से  सवाल पूछा कि “हरियाणा में चुनावी वादे के बावजूद अभी तक राशि नहीं मिली, दिल्ली में सिर्फ 10 लाख महिलाओं के लिए योजना की घोषणा हुई, राजस्थान में भी योजना अभी तक शुरू नहीं हुई।

महाराष्ट्र में अभी तक राशि नहीं बढ़ाई गई, क्यों? असम में सिर्फ 1000 रुपये क्यों? ओडिशा में सिर्फ 830 रुपये क्यों? जेएमएम की ओर से कहा गया कि हम झारखंडी मूर्ख नहीं हैं, चुनाव में भी आपके ये उन्मादी विचार नहीं टिके और आगे भी नहीं चलेंगे.”

पक्ष विपक्ष के इस विवाद ने नई चर्चाओं को जन्म दिया है। आंदोलन की धमकी के बीच बीजेपी क्या निर्णय लेगी ये तो वक्त के साथ पता चलेगा। परंतु जिन महिलाओं के खाते में पैसे नहीं पहुंचे हैं उनकी नाराजगी तो सरकार की झेलनी पड़ सकती है।

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