बैंक खाताधारकों के लिए बड़ा बदलाव: 1 अप्रैल से लागू होगा नया मिनिमम बैलेंस नियम, जानें कैसे बचें जुर्माने से!
Big change for bank account holders: New minimum balance rule will be implemented from April 1, know how to avoid penalty!

Bank Rule Change: आगामी 1 अप्रैल से बैंक (Bank New Rule) से जुड़े कई नियमों में बड़ा बदलाव होने वाला है। इसका सीधा असर सेविंग अकाउंट (Saving Account) क्रेडिट कार्ड और एटीएम ट्रांजेक्शन (ATM New Rule) पर भी पड़ेगा। आपको नए नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए वरना बाद में आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।थोड़ी सी लापरवाही से आपको काफी नुकसान हो सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank of India) के नए नियमों के अनुसार एटीएम मुफ्त निकासी के नियमों को कम कर दिया गया है। अब ग्राहक दूसरे बैंकों के एटीएम से महीने में फ्री में केवल तीन बार ही पैसे निकाल पाएंगे। इसके बाद आपको हर ट्रांजैक्शन पर 20 से ₹25 तक का चार्ज देना पड़ेगा।
इसके साथ ही साथ कैश निकालने पर ₹17 चार्ज देना होता है जिसे मई से बढ़ाकर 19 रुपए कर दिया जाएगा। इसके अलावा गैर वृत्तीय ट्रांजैक्शन जैसे मिनी स्टेटमेंट बैलेंस चेक के लिए भी आपको ₹7 चार्ज देने होंगे। सरकार ने यह फैसला डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए लिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कैशलेस ट्रांजेक्शन करें।
कई बैंकों ने मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियमों में किया बदलाव (Bank Rule Change)
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया पंजाब नेशनल बैंक केनरा बैंक और कुछ अन्य मुख्य बैंकों ने मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है जिसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका खाता शहरी अर्ध शहरी या ग्रामीण इलाके में है।
अब अगर आपके खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रहेगा तो आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। आपको अपने क्षेत्र के हिसाब से अपने खाते में मिनिमम बैलेंस रखना होगा। अगर मिनिमम बैलेंस आपके अकाउंट में नहीं है और लंबे समय तक आप लापरवाही बरत रहे हैं तो आपका अकाउंट भी क्लोज किया जा सकता है।
आरबीआई ने क्यों किया नियमों में बदलाव?
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। बैंक का कहना है कि अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो कैशलेस ट्रांजैक्शन का महत्व नहीं समझते हैं ऐसे में कैशलेस ट्रांजेक्शन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए हमने यह कड़ा कदम उठाया है। इसे कैशलेस ट्रांजेक्शन ( cashless transaction ) को बढ़ोतरी मिलेगी।