रायगढ़। सहायक आबकारी आयुक्त अजय कुमार गोंड पर गंभीर आरोप लगे हैं। हैरानी की बात ये है कि ये आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि विभाग में उनके ही जूनियर सहायक अवर निरीक्षक अमित किशोर प्रसाद ने रामगढ़ उपायुक्त को पत्र लिखकर की है। डीसी को लिखे इस पत्र के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। सहायक आबकारी आयुक्त  ज्वाइनिंग के 45 दिन के भीतर ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिर गये हैं। आरोप है कि MRP के बजाय शराब की बिक्री ऊंचे दामों पर करायी जा रही है।

पत्र में होटल, बार और ढाबा संचालकों से कमीशन की आड़ में शराब बिकवाने का आरोप है। पत्र के मुताबिक सहायक उत्पाद आयुक्त खुलेआम कहते हैं कि होटल वाले से 5-10 रुपये प्रति बोतल ज्यादा ले रहा हूं तो क्या हुआ?  होटल वालों के पास शराब बेचने के लिए लाइसेंस थोड़े न है।

सहायक उत्पाद निरीक्षक ने पत्र में कहा है कि जिले के विभिन्न स्थानों पर 43 खुदरा शराब दुकानों की निगरानी एवं निरीक्षण का कार्य भी उन्हीं के जिम्मे है। इसके अलावा कार्यालय में कागजी कार्रवाई के लिए उनके पास कोई सहयोगी नहीं है। इससे सभी कागजी कार्रवाई समय पर नहीं होता है। सभी जगह लगातार निगरानी एवं छापेमारी करना अत्यंत कठिन होता है।आवंटन मिलने के बावजूद कई माह से डीजल बिल का भुगतान नहीं किया गया है. यहां तक ​​कि उन्हें अगस्त माह का मानदेय भी नहीं मिला है। भ्रष्टाचार में डूबे वरिष्ठ अधिकारियों से परेशान अमित किशोर प्रसाद ने भी उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

इधर आरोपों को सहायक आबकारी आयुक्त अजय कुमार गोंड ने निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि अगर उनके कनिष्ठ अधिकारी उनके खिलाफ कोई सबूत देते हैं तो वह जैसा कहेंगे वैसा ही करेंगे. उन्होंने कहा है कि उन्होंने इस मामले में रामगढ़ के उपायुक्त से भी बात की है।

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