कुत्ते की मौत का बदला इंसान की जान लेकर लिया! एंबुलेंस रोकी, ड्राइवर को पीटा, और मरीज तड़पकर मर गया

अकोला (महाराष्ट्र)। इंसानियत को झकझोर देने वाली एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या इंसानों की जान अब जानवरों से भी कम कीमती हो गई है? महाराष्ट्र के अकोला में सिर्फ एक कुत्ते की मौत के बदले एक इंसान की जान छीन ली गई। एंबुलेंस में तड़पते मरीज को अस्पताल पहुंचने से पहले ही अपनी जान गंवानी पड़ी… और वजह? एक गुस्से में पागल इंसान, जिसने ‘बदले’ के नाम पर रास्ता रोक लिया।
मौत की ओर दौड़ती एंबुलेंस को बीच सड़क पर रोका
जानकारी के अनुसार, यह हृदयविदारक घटना अकोला के व्यस्त इलाके में घटी। एक 45 वर्षीय मरीज को उसकी बिगड़ती हालत के चलते परिजन तुरंत अस्पताल ले जा रहे थे। तभी रास्ते में अचानक एक कुत्ता एंबुलेंस से टकरा गया और उसकी मौत हो गई।
कुत्ते का देखभालकर्ता मौके पर मौजूद था। कुत्ते की मौत देखकर वह इस कदर आगबबूला हो गया कि उसने दौड़कर एंबुलेंस को रोका, ड्राइवर को खींचकर बाहर निकाला और मारपीट करने लगा। इतना ही नहीं, उसने एंबुलेंस की चाबी तक छीन ली।
“प्लीज़, पहले मरीज को पहुंचा दीजिए…” – पर कोई नहीं सुन रहा था
एंबुलेंस के भीतर मरीज दर्द से तड़प रहा था। परिजन हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे — “पहले अस्पताल पहुंचा दो, फिर जो करना है करो…” मगर उस व्यक्ति की आंखों में इंसानियत मर चुकी थी। कुछ मिनट की देरी और एक ज़िंदगी खत्म हो गई।
“उसे बचाया जा सकता था…” – बेटे की आँखों में आंसू
मरीज के बेटे ने फूट-फूटकर कहा, “पिताजी की हालत बहुत खराब थी, लेकिन हम वक्त पर पहुंच सकते थे। किसी को एक जानवर की मौत का इतना गुस्सा था कि उसने मेरे पिता की जान ले ली। थोड़ी सी इंसानियत दिखा दी होती, तो आज वो जिंदा होते।”
पुलिस ने की कार्रवाई, शहर में आक्रोश
घटना के तुरंत बाद अकोला पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आपातकालीन सेवा में बाधा, मारपीट और लापरवाही से हुई मौत जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्थानीय लोगों और डॉक्टरों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है — “अगर एंबुलेंस भी सुरक्षित नहीं रही, तो फिर कोई जिंदगी कैसे सुरक्षित रह सकती है?”