सिर्फ सेना नहीं, सरकार की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए! राज्यसभा में खड़गे का वार: मोदी से पूछे 4 तीखे सवाल, उठाया ट्रंप-टैक्टिकल मिस्टेक्स का मुद्दा

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को राज्यसभा गर्मा गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे 4 तीखे सवाल पूछे और कहा कि सिर्फ सेना की बहादुरी की बात नहीं होनी चाहिए, सरकार को भी अपनी नाकामियों की जिम्मेदारी लेनी होगी।

 प्रमुख बिंदु (हाइलाइट्स):

  • खड़गे बोले: पहलगाम हमला सुरक्षा चूक, एलजी का बयान शाह को बचाने की कोशिश

  • गृह मंत्री से इस्तीफा की मांग, बोले- इंटेलिजेंस फेल्योर क्यों हुआ?

  • पूछा: PM मोदी ट्रंप के दावे पर चुप क्यों हैं? क्या सच में अमेरिका ने युद्ध रुकवाया?

  • CDS के बयान का ज़िक्र: टैक्टिकल मिस्टेक्स को क्यों नहीं स्वीकारती सरकार?

 खड़गे के 4 तीखे सवाल – प्रधानमंत्री से सीधा सामना:

  1. पहलगाम हमले का जिम्मेदार कौन? अगर आतंक का ढांचा खत्म हो चुका है, तो हमला कैसे हुआ?

  2. प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए? क्या चुनाव प्रचार ज़्यादा ज़रूरी था?

  3. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध रुकवाया – इस पर मोदी की चुप्पी क्यों?

  4. CDS के ‘टैक्टिकल मिस्टेक्स’ वाले बयान पर सरकार की राय क्या है? क्या फैसलों में देरी से नुकसान नहीं हुआ?

 खड़गे का निशाना: “झूठ के कारखाने बनाए, पब्लिक सेक्टर नहीं”

खड़गे ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छुपा रही है और विपक्ष की आलोचना से बचने के लिए सेना के ऑपरेशन को ढाल बना रही है। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “नेहरू जी को गालियां देकर तालियां बटोरते हो, जबकि देश आज भी उन्हीं के बनाए संस्थानों पर टिका है।”

 ट्रंप बनाम मोदी – अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति पर भी उठे सवाल

खड़गे ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 29 बार यह दावा कर चुके हैं कि भारत-पाकिस्तान युद्ध उन्होंने रुकवाया। उन्होंने पूछा, “अगर यह झूठ है, तो सरकार खंडन क्यों नहीं करती? और अगर सच है, तो क्या मोदी जी खुद कुछ भी तय नहीं करते?”

 ‘CDS ने कहा- मिस्टेक हुई’, फिर भी सरकार चुप क्यों?

जनरल अनिल चौहान के बयान का जिक्र करते हुए खड़गे बोले कि भारत ने पहले दो दिनों में रणनीतिक चूक की। सेना के अधिकारियों ने खुद कहा कि निर्णय लेने में देरी हुई और नुकसान हुआ। खड़गे ने पूछा, “अगर यही बातें सेना कह रही है, तो सरकार क्यों शांत है? और पीएम मोदी ने अब तक इन पर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी?”

राज्यसभा की इस बहस ने यह साफ कर दिया कि विपक्ष केवल सेना की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठा रहा, बल्कि नीतिगत फैसलों और सरकार की पारदर्शिता पर भी स्पष्ट जवाब मांग रहा है। सवाल अब यह है कि क्या प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इस पर संसद में सफाई देंगे, या ये बहस भी चुनावी हमलों में गुम हो जाएगी?

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