…नर्स पूनम का वो आखिरी कॉल: ट्रेन में बहुत भीड़ है, नहीं जा पाऊंगी, घर लौट रही हूं…लेकिन फिर हो गया फोन स्वीच ऑफ…

...That last call from Nurse Poonam: The train is very crowded, I will not be able to go, I am returning home...but then the phone got switched off...

Rail Station Hadsa: महाकुंभ जाने की तलब श्रद्धालुओं में इस कदर लगी है कि वो हर हाल में कुंभ का स्नान जरूर करना चाह रहे हैं। चाहे ट्रेन की भीड़ हो या फिर खाने-पीने की दिक्कत…हर हालात का सामना करने के लिए श्रद्धालू तैयार है। इसी वजह से बीती रात मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गयी।

 

18 श्रद्धालूओं में नयी दिल्ली की महावीर एनक्लेव पार्ट वन में रहने वाली पूनम नाम की एक नर्स भी थी। पूनम अपनी दो सहेली के साथ प्रयागराज स्नान के लिए घर से निकली थी। लेकिन स्टेशन पर अचानक हुई भगदड़ ने उनकी जिंदगी छीन ली. इस घटना के बाद से उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है और वे सरकार से न्याय और सहायता की गुहार लगा रहे हैं।

 

जानकारी के मुताबिक पूनम और उनकी सहेलियों का ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं था। वे रात को प्रयागराज जाने के लिए ट्रेन पकड़ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची थीं, लेकिन पहली ट्रेन रात 8:00 बजे छूट गई, जिसके बाद वे रात 9:00 बजे की ट्रेन पकड़ने का प्रयास कर रही थीं।

 

पूनम ने अपने बेटे से फोन पर संपर्क किया और बताया कि स्टेशन पर बहुत भीड़ है और वह घर लौटने का विचार कर रही हैं, हालांकि, इसके बाद उनका फोन बंद हो गया और कुछ देर बाद जब परिवार वालों ने संपर्क करने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला।

 

रात होते-होते खबर आई कि स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी और कई लोग इसमें घायल हो गए थे. जब पूनम से कोई संपर्क नहीं हुआ, तो उनके पति वीरेंद्र और बेटा अक्षित रात 10 बजे से लेकर सुबह 3 बजे तक एक नहीं बल्कि कई अस्पतालों के चक्कर काटते रहे।

 

परिवार वालों का कहना है कि वे आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग अस्पताल, रेलवे अस्पताल और अन्य कई स्थानों पर गए. लेकिन कहीं भी पूनम का पता नहीं चला। जिसके बाद LNJP अस्पताल गए, जहां उन्हें पूनम और उसकी एक दोस्त का शव मिला और घायल थी. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए RML अस्पताल भेजा. अब परिवार वाले सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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