रांची झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अधीन कार्यरत कर्मियों के लिए अच्छी खबर है। झारखंड बिजली वितरण निगम के उप महाप्रबंधक (एचआर) अभिषेक कुमार ने तीनों कंपनियों के निदेशकों, महाप्रबंधकों व अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर निगम के अधीन कार्य कर रहे हैं 10 वर्षों से कार्यरत अस्थाई कर्मियों की सूची मांगी है। 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत अस्थाई कर्मियों की सेवा नियमित की जाएगी।

31 अगस्त तक मांगी जानकारी

निगम के उप महाप्रबंधक झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और इसकी अनुषंगी कंपनियों में अनियमित रूप से नियुक्त और कार्यरत कर्मियों की विवरणी अनुशंसा सहित 31 अगस्त तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मामले में देरी होने पर संबंधित पदाधिकारियों पर कारवाई की जा सकती है।

20 अगस्त तक उपलब्ध करानी होगी सूची

मुख्य महाप्रबंधक ने कहा है कि अनियमित रूप से नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों की वांछित विवरण निर्धारित तिथि के पूर्व यानी 20 अगस्त तक झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में 20 जून 2019 को कार्मिक विभाग ने ऐसे कर्मियों की सेवा नियमित करने का निर्णय लिया था जो 10 या इससे अधिक वर्षों से अस्थाई तौर पर नियुक्त हैं। इसी आलोक में बिजली निगम में प्रक्रिया शुरू कर दी है। सितंबर 2016 में ही झारखंड ऊर्जा विकास निगम ने 10 वर्षों से अधिक समय से अनियमित कर्मियों की सेवा नियमित करने को लेकर संकल्प जारी कर दिया था। अब इस आलोक में सूची मांगी गई है। इसके बाद ऐसे कर्मियों की सेवा नियमित की जा सकेगी।

नियमित करने के आदेश का संगठन ने किया स्वागत

झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन ने ऊर्जा विकास निगम की इस पहल का स्वागत किया है। संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा है कि अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर संघ लगातार संघर्ष कर रहा था। इसके तहत पिछले दिनों भूख हड़ताल जैसा आंदोलन भी किए गए थे। इसका परिणाम है कि हम सभी अनुबंध कर्मी नियमित होंगे।आशीष कुमार ने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को धन्यवाद देते हुए कहा कि संघ की पुरानी मांग थी जिसे प्रबंधन ने पूरा करते हुए कर्मियों की झोली में सौगात डालने का काम किया है।

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