DGP को बता देना, ऐसा ऑर्डर देंगे जिंदगी भर याद रखेंगे… supreme court ने पुलिस को जमकर सुनाया, कहा…
Tell the DGP, he will give such an order, you will remember it for the rest of your life... Supreme Court scolded the police, said...
Court News। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस की कार्यशैली पर कड़ी फटकार लगायी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा किये। कोर्ट ने गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान कहा कि यूपी पुलिस पावर का आनंद ले रही है। उसे संवेदनशील होने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कड़ी फटकार लगाई।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ कर रही है। यह मामला उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद का है। गुरुवार को जब मामला सुनवाई पर आया तो उत्तर प्रदेश की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राणा मुखर्जी ने कहा कि अभियुक्त (अनुराग दुबे) जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह पेश नहीं हुआ।
डीजीपी को बता दीजिएगा
अनुराग दुबे की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए कहा कि अदालत की इजाजत के बगैर उसे किसी भी नए या पुराने केस में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। नाराज कोर्ट ने टिप्पणी की कि अपने डीजीपी को बता दीजिएगा कि अगर उसे (अनुराग दुबे) छुआ तो ऐसा कड़ा आदेश देंगे कि याद रहेगा।अनुराग दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को रद करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर मामला रद करने से तो मना कर दिया था, लेकिन गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए अग्रिम जमानत पर नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने गिरफ्तारी पर इस शर्त के साथ रोक लगाई थी कि वह जांच में सहयोग देगा।
मामले में यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राणा मुखर्जी ने कोर्ट को बताया कि अदालत के पिछले आदेश के बाद याचिकाकर्ता को नोटिस भेजा गया था, लेकिन वो जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुआ. इसके बजाय उसने एक हलफनामा भेजा. वकील की इस दलील पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ता शायद इस डर में जी रहा है कि यूपी पुलिस उसके खिलाफ एक और झूठा मामला दर्ज कर देगी।
उन्होंने कहा, वो शायद इसलिए पेश नहीं हो रहा होगा क्योंकि उसे पता है कि आप कोई और झूठा केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लेंगे. आप अपने डीजीपी को बता दीजिए कि जैसे ही वो अनुराग दुबे को छुएंगे, हम ऐसा कठोर आदेश देंगे कि सारी जिंदगी याद रहेगा. हर बार आप उसके खिलाफ एक नई एफआईआर लेकर आते हैं. अभियोजन पक्ष कितने मामलों को बरकरार रख सकता है?
कोर्ट ने आगे कहा कि जमीन हड़पने का आरोप लगाना बहुत आसान है. जब कोई रजिस्टर्ड सेल डीड से खरीदता है तो उसे आप जमीन हड़पने वाला कहते हैं, ये सिविल विवाद है या क्रिमिनल विवाद? बेंच ने कहा,“हम सिर्फ यह बता रहे हैं कि आपकी पुलिस किस खतरनाक क्षेत्र में घुस गई है और उसका मजा ले रही है. सत्ता से कौन चूकना चाहेगा? कभी आप पुलिस की सत्ता संभाल रहे हैं. कभी आप सिविल कोर्ट की सत्ता संभाल रहे हैं. इसलिए आप मौज-मस्ती कर रहे हैं।