शिक्षकों की खबर: दो लाख से अधिक शिक्षक वेतन विसंगति के शिकार, वार्षिक वेतनवृद्धि और भत्तों से वंचित

Teachers' news: More than two lakh teachers are victims of salary discrepancy, deprived of annual increment and allowances

Teacher News: राज्य के दो लाख से अधिक विद्यालय अध्यापक वेतन वृद्धि और भत्तों से वंचित हैं, जिससे उन्हें प्रतिमाह 2000 से 5000 रुपये तक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह गंभीर मुद्दा बिहार विधान परिषद में दो बार उठाया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं हो सका है।

 

जानकारी के मुताबिक बीपीएससी से अब तक तीन चरणों में शिक्षकों की बहाली की जा चुकी है, लेकिन एचआरएमएस पोर्टल पर पे मैट्रिक्स डेटा अपडेट नहीं होने के कारण इन शिक्षकों को वार्षिक वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता और आवास भत्ता जैसे मूल अधिकारों से वंचित रखा गया है। अधिकांश शिक्षकों को अब तक केवल एंट्री पे के आधार पर वेतन दिया जा रहा है।

 

एमएलसी ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल समस्या के समाधान की मांग की है। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता 50 से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है और आवास भत्ता की दरों में भी बदलाव हो चुका है, लेकिन इन विद्यालय अध्यापकों को अभी भी नियुक्ति के समय के भत्ते ही मिल रहे हैं।

 

वंशीधर ब्रजवासी ने यह भी उजागर किया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत अध्यापकों को लेकर भी भेदभाव हो रहा है। कई विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं, लेकिन प्रशासनिक कारणों से उन्हें शहरी परिधि में मानते हुए केवल चुनिंदा अध्यापकों को ही शहरी आवास और यात्रा भत्ता मिल रहा है। बाकी शिक्षक इससे वंचित हैं, जिससे भेदभाव की स्थिति बन गई है।

 

विधान परिषद में जब यह मामला दो बार उठाया गया, तो सरकार ने आश्वासन दिया था कि एचआरएमएस सॉफ्टवेयर अपडेट होते ही यह समस्या सुलझा ली जाएगी। लेकिन बजट सत्र समाप्त हुए दो महीने बीत चुके हैं और अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि शिक्षकों के हक को जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनकी आर्थिक क्षति की भरपाई की जा सके।

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