राँची,10 मई, 2023 । जे० सी० ई० आर० टी०, निदेशक के पत्रांक 653 दिनांक, 09/05/2023 के विरोध में झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद एवं प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार दास ने शिक्षकों के लिए भी राज्य के अन्य कर्मचारियों के तरह गृष्मावकाश को समाप्त करते हुए कुल तैंतीस दिनों का अर्जित अवकाश ( E.L) देने की मांग की है।
इस संदर्भ में झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा में शामिल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ, झारखंड स्टेट प्राईमरी टीचर्स एसोसिएशन, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ + 2 संवर्ग के द्वारा संयुक्त रूप से निम्न तथ्यों को परियोजना निदेशक सहित सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, निदेशक, माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा को दी गई है l

(1) विगत वर्षों से सामान्यतः यह देखा जा रहा है कि प्रत्येक वर्ष गर्मी की छुट्टी में शिक्षकों से विभागीय अथवा गैर विभागीय अन्यान्य कार्य संपन्न कराने की जिम्मेवारी दिए जाने की परंपरा हो चली है, फलस्वरूप शिक्षक उक्त छुट्टी में भी विभागीय आदेश के अनुपालन में सहज ही उपलब्ध रहने को बाध्य हो जाते हैं l

(2) ज्ञातव्य है कि झारखंड सेवा संहिता के नियम 64 से 67 में निहित प्रावधानों के अनुसार राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों को विश्रामावकाशी विभाग के अंतर्गत मानते हुए उन्हें छात्रों के साथ ग्रीष्मावकाश देय है l
इस अवकाश की प्रतिपूर्ति अर्जित अवकाश से विकलित कर लिए जाने का प्रावधान है जिसके कारण शिक्षकों को अर्जित अवकाश मात्र 14 दिन वार्षिक देय है, वहीँ राज्य के अन्य कर्मचारियों ( गैर विश्रामावकाशी विभाग) को अर्जित अवकाश 33 दिन वार्षिक दिए जाने का प्रावधान है।

(3) शिक्षकों को दिया जाने वाला ग्रीष्मावकाश को लेकर विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों से लेकर आम जनमानस में यह छवि बनी हुई है कि शिक्षकों को बहुत अधिक छुट्टी मिलती है l जिसके कारण शिक्षकों के प्रति समाज में कई एक भ्रांतियां एवं दुर्भावना उत्पन्न होने से इनकार नहीं किया जा सकता है l

(4) शिक्षकों को उक्त ग्रीष्मावकाश में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण, पाठ्यपुस्तक निर्माण, वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर, ई लर्निंग मैटेरियल, यू डाइस रिपोर्ट, एसडीएमआईएस, बैंक अकाउंट संधारण, छात्रवृत्ति भुगतान, जैसे अन्यान्य गैर शैक्षणिक कार्य में लगाते हुए उक्त छुट्टी का उपयोग विभाग कर सकती है l उक्त समय का सदुपयोग शिक्षकों के बौद्धिक उन्नयन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य का संपादन करते हुए छात्रों का शैक्षणिक काल में गुणवत्ता में समृद्धि किया जा सकता है।

(5) विभागीय नियमानुसार विद्यालयों मे वार्षिक शैक्षणिक कलेंडर निर्धारण के पश्चात ही विद्यालयों में सारी गतिविधियों का संचालन किया जाता है जिसके अंतर्गत गृष्मावकाश भी पूर्व से निर्धारित रहता है l
उक्त सम्बन्ध मे निदेशक , जे सी ई आर टी रांची श्रीमती किरण कुमारी पासी जी से मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता करके झारखंड सेवा संहिता के नियमावली का हवाला देते हुए शिक्षकों के सेवा शर्त में अनावश्यक रूप से छेड़छाड़ नहीं करने का मांग किया है और राज्य के पाठशाला पर नित नए-नए अव्यवहारिक प्रयोग करने से बचने का सलाह दिया है l

प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद, अरुण कुमार दास, आशुतोष कुमार, रमापति पांडे एवं नागेंद्र तिवारी सम्मिलित थे।

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