तन ही नहीं, मन की देखभाल भी जरूरी: डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों को न करें नजरअंदाज

तन से जुड़ी बीमारियों पर लोग ध्यान देते हैं, लेकिन मन और मस्तिष्क की परेशानियों की ओर ध्यान कम जाता है। आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा दोनों ही इसे गंभीर मानते हैं। तन और मन दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है।

डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षण

  • बिना वजह मन घबराना, काम करने का मन न होना

  • अकेले रहकर रोने की इच्छा

  • शरीर और मन को बीमार महसूस करना

  • अचानक दिल की धड़कन बढ़ना

  • भूख कम लगना और नींद न आना

इन लक्षणों को लंबे समय तक महसूस करने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में डिप्रेशन और एंग्जायटी के लिए जड़ी-बूटियों का सेवन फायदेमंद माना गया है:

  • अश्वगंधा – तनाव कम करती है और मन को शांत रखती है

  • ब्राह्मी – मानसिक स्पष्टता और ध्यान बढ़ाती है

  • जटामांसी – चिंता और भय कम करने में मददगार

  • शंखपुष्पी, तुलसी, इलायची – मस्तिष्क को स्थिर रखते हैं और नींद में सुधार करते हैं

योग और प्राणायाम

योग और प्राणायाम मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में कारगर हैं। खुली जगह में सूर्य नमस्कार, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम और मेडिटेशन करने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, रक्त संचार सुधरता है और तनाव कम होता है।

जीवनशैली में बदलाव

  • प्रकृति के करीब रहें और रोज़ाना खुली हवा में समय बिताएं

  • नियमित योग और प्राणायाम अपनाएं

  • आहार में पोषक तत्व शामिल करें और पर्याप्त नींद लें

  • मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी न करें, समय पर विशेषज्ञ से सलाह लें

नोट: तन और मन दोनों का संतुलन बनाए रखना जीवन की गुणवत्ता के लिए जरूरी है। सही समय पर पहचान और उपचार से डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

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