Sunita Ahuja Emotional Story: अगर मैं मर भी जाऊं, तो बेटे को बचा लेना – लेबर रूम में सुनीता आहूजा की वो चीख, जिसे सुनकर दहाड़ें मारकर रो पड़े थे गोविंदा!
एक मां का दर्द, एक पति का डर और एक पिता की तड़प – पढ़िए एक फिल्मी कहानी से कम नहीं है ये सच्चाई

Sunita Ahuja Emotional Story: बॉलीवुड के सुपरस्टार गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता आहूजा की ज़िंदगी में प्यार, संघर्ष और समर्पण की कहानियां किसी फिल्म से कम नहीं हैं। साल 1987 में शादी करने वाला ये जोड़ा अब भी लोगों के लिए एक मिसाल बना हुआ है, लेकिन हाल ही में सुनीता आहूजा ने अपनी डिलीवरी से जुड़ी एक ऐसी दर्दनाक सच्चाई सामने रखी जिसने सबको झकझोर दिया।
बेटे यशवर्धन के जन्म के समय सुनीता की हालत बेहद नाज़ुक थी। 100 किलो के करीब वजन और शरीर में कमजोरी के चलते उन्हें लगा कि वह शायद इस डिलीवरी में ज़िंदा ना बचें। दर्द के मारे तड़पती सुनीता ने जब डॉक्टर से कहा –
“मेरे पति को बेटा चाहिए, अगर मैं मर भी जाऊं… तो भी बच्चे को बचा लेना…”
तो वहां मौजूद सभी सन्न रह गए।
दूसरी तरफ, गोविंदा की हालत देख पाना भी किसी के लिए आसान नहीं था। अपनी पत्नी को इस हाल में देख वो दहाड़ें मारकर रोने लगे। ये वही पल था जब एक पति का प्यार और एक पिता की तड़प सामने आ गई।
यह घटना आज भी किसी इमोशनल बॉलीवुड सीन जैसी लगती है – लेकिन यह रील नहीं, रियल लाइफ की कहानी है।
Sunita Ahuja Emotional Story: तलाक की अफवाहों पर लगा ब्रेक
हाल ही में गोविंदा और सुनीता के बीच तलाक की अफवाहें भी तेज़ थीं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुनीता ने गोविंदा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दी थी। लेकिन गोविंदा के वकील ने इन खबरों को निराधार बताते हुए NDTV को साफ कहा –
“इन दोनों के बीच सबकुछ ठीक है, तलाक जैसी कोई बात नहीं है।”