भजन से मातम तक…अचानक गूंजी चीखें, सड़क पर बिखरे मासूम समेत 5 शव…

मुंडन के जश्न से लौट रहे परिजनों पर कहर बरपा, नौ माह के मासूम और दो साल की बच्ची तक नहीं बच पाई… गांव में मातम का सन्नाटा।

हरदोई जिले के सुरसा थाना क्षेत्र के भीठा गांव में सोमवार को एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव को दहला दिया। संदीप नामक ग्रामीण ने बेटे कार्तिक (5) के मुंडन संस्कार पर रामचरित मानस का अखंड पाठ घर में रखा था। चौपाइयों की गूंज और भक्ति का माहौल अचानक चीख–पुकार और मातम में बदल गया, जब घर लौटते समय हुई सड़क दुर्घटना में दंपती समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई

खुशी से मातम में बदला मुंडन का उत्सव

मुंडन कराने के बाद परिजन और रिश्तेदार बाबा मंदिर से लौट रहे थे। ढोलक बजते हुए, उत्साह और उमंग के बीच सभी घर पहुंचने की तैयारी में थे, तभी फर्दापुर के पास यह भयावह हादसा हो गया। ट्रैक्टर और डाला से लौट रही भीड़ में से संतराम, उसकी पत्नी संगीता, बहन मोहिनी उर्फ मोनी और दो मासूम बच्चे गौरी (2 वर्ष) और बासू (9 माह) सड़क किनारे रुके थे। तभी बिलग्राम की ओर से रफ्तार से आ रही मैजिक (डाला) ने सभी को रौंद डाला।

मासूमों की लाशें… जैसे गुड्डे-गुड़िया

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क पर शव बिखरे पड़े थे। नौ महीने का बासू और दो साल की गौरी का शव देखकर हर किसी का दिल दहल गया। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे किसी ने गुड्डे-गुड़िया फेंक दिए हों। लोगों की आंखें नम हो गईं और यह सवाल गूंज उठा—“अभी तो इनकी जिंदगी शुरू भी नहीं हुई थी…”

घर में दावत की तैयारी, लेकिन पसरा सन्नाटा

संदीप ने बेटे के मुंडन पर रिश्तेदारों और पूरे गांव के लिए दावत का आयोजन किया था। हलवाइयों ने पकवान, रसगुल्ले और लड्डू तैयार कर लिए थे। मगर, जैसे ही हादसे की खबर आई, दावत का सारा इंतजाम अधूरा ही रह गया और पूरे घर में सिर्फ रोने की आवाजें और सन्नाटा रह गया।

हादसे के पीछे की लापरवाही

दुर्घटना करने वाला डाला मालवाहक वाहन था, जिस पर पहले भी तीन बार सवारी ढोने के लिए चालान हो चुका था। पुलिस के अनुसार, या तो चालक नशे में था, या फिर तेज रफ्तार और स्टेयरिंग फेल होने से वाहन अनियंत्रित हुआ। हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही डीएम अनुनय झा और एसपी अशोक मीणा मौके पर पहुंचे। परिजनों को सांत्वना दी गई और बताया गया कि आरोपी चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।

गांव में जहां चौपाइयों की गूंजनी थी, वहां अब सिर्फ मातम और रुदन की आवाजें सुनाई दे रही हैं।

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