रांची। 67 दिनों से चली आ रही जनसेवकों की हड़ताल आज शाम खत्म हो गयी। आज शाम हुई वार्ता में 2400 ग्रेड पे को यथावत रखने पर सहमति बनी। वहीं अन्य मांगों पर भी सरकार की तरफ से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा दिया गया, जिसके बाद जनवसेवकों ने हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है। हड़ताल खत्म करने की घोषणा करते हुए झारखंड राज्य जनसेवक संघ ने ऐलान किया है कि वो सभी 17 जुलाई से काम पर लौट जायेंगे।

वार्ता में हड़ताल अवधि के अवकाश के समायोजन पर भी सहमति बनी, वहीं कृषि, सहकारिता और पशुपालन विभाग के संयुक्त सचिव ने आश्वासन दिया है कि जनसेवकों की अन्य मांगों से भी सरकार को अवगत कराया जायेगा और उनकी मांगों पर विचार किया जायेगा।

10 साल की सेवा के बाद घटा दिया गया था वेतन
यूं तो 10 साल सेवा देने के बाद किसी भी सरकारी सेवक का वेतन बढ़ता है. जबकि जनसेवकों का वेतन ही घटा दिया गया था। कृषि विभाग ने सेवा के 10 साल बाद यह कहकर पे स्केल को घटाया है कि जब 2012-13 में वैकेंसी निकली थी, उस समय विज्ञापन में ही गलत पे स्केल का जिक्र आ गया था । इसका विरोध करते हुए जनसेवक 9 मई 2023 से हड़ताल पर चले गये थे। राज्य के कृषि निदेशक ने 2012 में बहाल जनसेवकों का ग्रेड पे 2400 से घटा कर दो हजार रुपए कर दिया था। . कृषि निदेशक की दलील है कि जनसेवक के पद के अनुसार ग्रेड पे तय करने में 2012 में भूल हुई थी, जिसे सुधारा गया है। कृषि विभाग के करीब 1500 जनसेवकों का आरोप था कि सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है. 10 साल तक जो वेतन मिलता था. उससे अब वेतन 8 से 10 हजार रुपए कम हो गया है. ऐसे में हर जनसेवक आज परेशानी में है. बढ़ती महंगाई, होम लोन, बच्चों की पढ़ाई तक कराने में दिक्कत हो रही है. इस दौर में कोई वेतन में आई इस कमी को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि अब सरकार पूर्व की भांति वेतनमान देने पर राजी हो गयी है।

जनसेवकों की ये थी मांगें:

  1. जनसेवक संवर्ग के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा नियुक्ति नियमावली और ग्रेड पे को पहले जैसा किया जाए.
  2. राज्य के जन सेवकों को पूर्व की भांति तकनीकी पद मानते हुए ग्रेड पे 4200 किया जाए.
  3. 2012 में नियुक्त कृषि जन सेवकों को MACP का लाभ देने की सरकार घोषणा करे.
  4. झारखंड में कृषि शिक्षा परिषद का गठन तत्काल किया जाए और जन सेवकों की वरीयता लिस्ट जारी की जाए.
  5. राज्य के जनसेवक की संपूर्ण सेवा वर्ष 2011-12 जन सेवक भर्ती एवं सेवा शर्त नियमावली के तहत कृषि विभाग को वापिस किया जाए और जनसेवक का नाम बदलकर कृषि प्रसार पर्यवेक्षक किया जाए, क्योंकि पर्यवेक्षकों का पद खाली है.
  6. कृषि जनसेवक संवर्ग को पूर्व की भांति राज्य में होने वाले सीमित पदोन्नति परीक्षा में बैठने की सरकार अनुमति दे.
  7. सभी जिलों में जनसेवकों को वेतन, राजकोष के वेतन हेड 2401 से वेतन भुगतान किया जाए.
  8. कृषि जनसेवक की पदोन्नति प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं समकक्ष सभी पर्यवेक्षक पदों पर समय समय पर करने की नीति बनाई जाए.
  9. राज्य के जन सेवकों को गैर कृषि कार्यों से मुक्त किया जाए.
  10. जनसेवकों के लिए निशुल्क सवैतनिक कृषि स्नातक की पढ़ाई की व्यवस्था की जाए.
  11. 2012 में भर्ती सभी जनसेवकों की पे ग्रेड 2400 से घटा कर 2000 करने का आदेश वापस लिया जाए.

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