जमशेदपुर। इश्क…बेवफाई और कत्ल …! लेडी कांस्टेबल ट्रिपल मर्डर का राज खुला, तो पूरा पुलिस महकमा दंग रह गया। लेडी कांस्टेबल के जिस हत्यारे को पकड़ने के लिए SSP ने पूरी ताकत झोंक दी थी…उस कत्ल का गुनाहगार कोई और नहीं… बल्कि SSP के साथ साये की तरह साथ रहने वाला उनका ड्राइवर निकला। SSP के ड्राइवर ने ही बेवफाई के शक में पहले तो अपने लेडी कास्टेबल को मौत के घाट उतारा और फिर सबूत मिटाने के इरादे से कांस्टेबल की बेटी और मां को भी मार डाला।

दरअसल जमशेदपुर पुलिस लाइन में कुछ दिन पहले ही लेडी कांस्टेबल सहित उसके परिवार के तीन लोगों की हत्या हुई थी। लेकिन वारदात की जानकारी घटना के तीन दिन बाद लोगों को तब हुई, जब फ्लैट से तेज बदबू आने लगी। घटना की सूचना पड़ोसियों ने परिवार के अन्य सदस्यों को दी। फ्लैट के दरवाजे पर बाहर से ताला लगा था, इसलिए लोगों को मालूम भी नहीं चला कि अंदर एक साथ तीन-तीन लाशें पड़ी हुई है। सूचना के बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई, तो कमरे के अंदार महिला पुलिसकर्मी सविता हेंब्रम, उसकी मां लकिया मुर्मू और 13 साल की बेटी गीता हेंब्रम का शव पड़ा देखा। लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी।

पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि सविता का पति कांस्टेबल था, जिसकी नक्सली घटना में मौत हो गयी थी। पति के स्थान पर सविता को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी, सविता SP आफिस में तैनात थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सविता का प्रेम संबंध SSP प्रभात कुमार के ड्राइवर रामचंद्र सिंह जामुदा से था। सविता के घर पर रामचंद्र रात में भी आता था और वहीं रूकता था। शादीशुदा रामचंद्र और सविता के बीच काफी करीबी ताल्लुकात थे।

बेवफाई के शक में ले ली जान

पिछले कुछ दिनों से सविता रामचंद्र से कट गयी थी। दरअसल पिछले कुछ माह से सविता एक सुंदर टुडू नाम के युवक के संपर्क में थी। सुंदर के करीब आने की वजह से सविता ने रामचंद्र से दूरी बना ली। सविता ने रामचंद्र के बात भी बंद कर दी थी। 19 जुलाई से रामचंद्र फोन पर सविता से बात करना चाह रहा था, लेकिन वो फोन नहीं उठा रही थी।

सविता नहीं उसके कथित प्रेमी को मारना चाहता था

SSP के ड्राइवर को सविता और सुंदर के रिश्ते की जानकारी हुई तो रामचंद्र ने सुंदर को रास्ते से हटाने का प्लान बनाय। 19 जुलाई को वो सविता के घर भी इसी इरादे से आया था। क्योंकि रामचंद्र को ये जानकारी थी, कि सुंदर उस रात सविता के पास आने वाला है, लेकिन सुंदर नहीं आया। इधर रामचंद्र ने सविता के साथ विवाद शुरू कर दिया और गाड़ी के लिवर से वार कर सविता की जान ली और फिर जब मां की चीख सुन कर सविता की 13 साल की बेटी गीता उसे बचाने के लिए आई, तो रामचंद्र ने उसी गियर लिवर से वार कर गीता की भी जान ले ली और आखिरकार सबूत मिटाने के लिए उसने सविता की बुजुर्ग मां को भी मार ।

इस तरह दिया वारदात को अंजाम

रात में हत्या के बाद वो तीन-तीन लाश के साथ फ्लैट में ही रूका रहा। फिर तड़के कमरे को बाहर से लाक कर वहां से चला गया। साथ में खून से सना लीवर और कपड़े लेकर दोमुहानी इलाके में पहुंचा और नदी में नहाने चला गया। फ्रेश होकर वो सीधे ड्यूटी पर चला आया। वो एसएसपी का गाड़ी चलाता रहा। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो वो पुलिस को बरगलाने की कोशिश करता रहा, लेकिन आखिरकार उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

ऐसे पकड़ाया SSP का ड्राइवर

 सविता के साथ करीबी होने के शक में पुलिस ने रामचंद्र जामुदा के मोबाइल नंबर की डिटेल निकाली. छानबीन हुई, तो शक और गहरा गया. रामचंद्र 19 जुलाई से पहले लगातार सविता से फोन पर बात कर रहा था, लेकिन 19 जुलाई के बाद से दोनों की बातचीत अचानक बंद हो गई थी और इतेफाक से यही वो तारीख थी, जिसके बाद किसी ने सविता को नहीं देखा था. अब पुलिस ने बिना देर किए एसएसपी के ड्राइवर रामचंद्र जामुदा को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी. पहले तो रामचंद्र ने तमाम सच्ची-झूठी कहानियां सुनाईं, लेकिन बाद में उसने कबूल कर लिया कि ये तीनों कत्ल उसी ने किेए थे.

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