रांची झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के द्वारा लोकार्पण किया गया। लोकार्पण समारोह झारखंड विधानसभा के सम्मेलन भवन में आयोजित हुआ। लोकार्पणकर्ता रवींद्रनाथ महतो ने पुस्तक को ऐतिहासिक और अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इतिहास के विद्वानों को आजादी के उन गुमनाम सेनानियों की जीवनी को आज के छात्र -छात्राओं के लिए उपलब्ध कराना परम आवश्यक है। उन्होंने इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए संपादक को बधाई दी।

मुख्य अतिथि झारखंड विधानसभा के माननीय मंत्री आलमगीर आलम ने पुस्तक की सराहना की और संपादक मंडल को बधाई दी। विशिष्ट अतिथि डॉ.तपन कुमार शांडिल्य, कुलपति डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विद्यालय ने इस पुस्तक की परिकल्पना के लिए संपादक को बधाई दी और उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज जो इतिहास भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों की पढ़ाया जा रहा है वह अधूरा है। सम्मानित अतिथि के रूप में एम के सिन्हा क्षेत्रीय निदेशक डीएवी रांची ने पुस्तक के प्रति अपने विचार रखे। पुस्तक में संकलित झारखंड के विशेषकर सेनानियों की गाथा के संकलित करने के लिए लेखक और संपादक को बधाई दी।

पुस्तक का लोकार्पण करते विधानसभा अध्यक्ष, मंत्री आलमगीर आलम और अन्य


सम्मानित अतिथि डॉक्टर जंग बहादुर पांडेय पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष रांची विश्वविद्यालय ने पुस्तक की प्रस्तुति के लिए संपादक डॉ अरुण कुमार सज्जन, पामेला घोष दत्ता और डॉक्टर जूही समर्पिता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में जिन वीरांगनाओं की गाथा संकलित हुई है उनकी आत्मा और उनके तप त्याग को इस पुस्तक के माध्यम से सम्मान प्राप्त हुआ है। हिन्दी साहित्य भारती झारखण्ड के संरक्षक सह संयुक्त सचिव झारखण्ड विधानसभा मिथिलेश कुमार मिश्र ने अपने संबोधन में झारखण्ड के विशेष कर सिद्धों कान्हो तथा भूल आंदोलन की चर्चा की। उन्होंने पुस्तक को पठनीय और संग्रहणीय बताया। आरंभ में स्वागत संबोधन प्रस्तुत करते हुए हिंदी साहित्य भारती के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. अरुण सज्जन ने सभी आगत अतिथियों का अभिनंदन किया और हार्दिक स्वागत किया उन्होंने इस पुस्तक के लेखकों को जिन्होंने श्रम से विभिन्न वीर -वीरांगनाओं की गाथा प्रस्तुत की है उनके प्रति साधुवाद व्यक्त किया।

इस पुस्तक के लेखन, चिंतन और संपादन से संबंधित बातों को विस्तार से उन्होंने बताया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.जूही समर्पिता, हिन्दी साहित्य भारती केंद्रीय कार्यकारिणी के मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने तमाम लेखकों और उनकी प्रस्तुति को सराहा तथा झारखंड के विभिन्न जिलों से पधारे हिंदी साहित्य भारती के पदाधिकारियों, सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह का सफल संचालन हिंदी साहित्य भारती के महामंत्री राकेश कुमार ने किया।

स्वागत गान एस.के. पाठक के द्वारा प्रस्तुत किया गया और सरस्वती वंदना और अंत में राष्ट्रगीत हिंदी साहित्य भारती के उपाध्यक्ष डॉ संगीता नाथ के साथ अन्य लोगों ने प्रस्तुत किया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने अपने कर कमलों से सभी लेखकों को लोकार्पित पुस्तक प्रदान किया और उन्हें हिंदी साहित्य भारती के द्वारा दिए गए सम्मान पत्र को भी सभी लेखकों को प्रदान किया। इस लोकार्पण समारोह में झारखंड विधानसभा का सभागार लगभग 100 से अधिक हिंदी अनुरागीयों हिंदी साहित्य भारती के विभिन्न पदाधिकारियों, लेखकों और श्रोताओं से भरा हुआ था। इस पुस्तक की उपादेयता और महत्ता लोगों ने महसूस किया और संपादक मंडल और आयोजन कर्ता के प्रति आभार व्यक्त किया।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...