स्पर्म की तस्करी: अस्पताल में स्पर्म की तस्करी व सैरोगेसी का भंडाफोड़, डाक्टर सहित 10 गिरफ्तार, इस घटना को जान डाक्टर से उठ जायेगा भरोसा
Sperm smuggling: Sperm smuggling and surrogacy racket busted in a hospital, 10 arrested including a doctor, after knowing this incident you will lose faith in doctors

Big Crime News : अस्पताल में स्पर्म तस्करी का एक बेहद ही गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में डाक्टर सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामला उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया है। पूरा मामला तेलंगाना के सिकंदराबाद का है, जहां सरोगेसी की आड़ में चल रहे एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है।
वहीं इस मामले में यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर की मैनेजर डॉक्टर नम्रता समेत 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एक दंपती की शिकायत पर ये कार्रवाई की गयी है, जिन्होंने सरोगेसी के जरिए बच्चा पाने के बाद जब डीएनए जांच कराई तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई—बच्चे का उनके साथ कोई जेनेटिक संबंध ही नहीं था।
दरअसल राजस्थान से आए इस दंपती ने तीन साल पहले सरोगेसी के लिए सेंटर को करीब 30 लाख रुपये दिए थे। डॉक्टर नम्रता ने उन्हें विश्वास दिलाया कि जिस महिला को विशाखापत्तनम से हैदराबाद फ्लाइट के ज़रिए लाया गया है, उसी से उनका बच्चा होगा। लेकिन जन्म के बाद जब दंपती ने डीएनए वेरिफिकेशन की मांग की, तो डॉक्टर नम्रता ने समय निकालने के बहाने टाल-मटोल शुरू कर दीं।
जून 2025 में जब दिल्ली में कराई गई डीएनए रिपोर्ट आई, तो उसमें बच्चे का दंपती से कोई जैविक संबंध नहीं मिला। रिपोर्ट सामने आते ही डॉक्टर नम्रता ने गलती मानी और समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन इसके बाद वह फरार हो गईं।
देर रात छापेमारी, कई अहम दस्तावेज जब्त
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रेजिमेंटल बाजार स्थित क्लिनिक में देर रात छापेमारी की। इस दौरान फर्टिलिटी सेंटर से कई स्पर्म सैंपल और दस्तावेज जब्त किए गए, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह गुजरात, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में स्पर्म और एग्स की अवैध आपूर्ति कर रहा था।
बिना लाइसेंस ऑपरेशन, ‘इंडियन स्पर्म टेक’ कंपनी भी शामिल
इस रैकेट में ‘इंडियन स्पर्म टेक’ नाम की बिना लाइसेंस वाली निजी कंपनी की संलिप्तता भी सामने आई है, जो प्रजनन सामग्री की सप्लाई में सहयोग कर रही थी। पुलिस ने इस कंपनी के रीजनल मैनेजर पंकज सोनी सहित सात अन्य एजेंटों को भी गिरफ्तार किया है।डीसीपी रश्मि पेरुमल ने बताया कि गिरोह गरीब महिलाओं को पैसों का लालच देकर सरोगेट बनाता था। इस अवैध कारोबार की परतें अब खुलने लगी हैं। पुलिस को शक है कि राज्य के कई अन्य फर्टिलिटी क्लिनिक और एजेंट भी इस नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। पूरे रैकेट को बेनकाब करने के लिए जांच तेज़ कर दी गई है।