नयी दिल्ली। अगले महीने से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी घट जायेगी। केंद्र सरकार अगले महीने से नया वेज कोड लागू करने की तैयारी में है। हालांकि इस कोड के लागू होने से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को नुकसान जितना है, फायदा भी उतना ही है। कर्मचारियों के लिए फायदे की बात ये है कि इससे रिटायरमेंट के फायदे बढ़ जायेंगे। वहीं नुकसान की बात ये है कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी कम हो जायेगी।

जानकारी ये है कि नये वेज कोड को 1 जुलाई से लागू किया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, उनकी टोटल सैलरी की कम से कम 50 फीसदी हो जायेगी। इसकी वजह से उनका बीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जायेगा। रिटायरमेंट के लिहाज से एक्सपर्ट इस बदलाव को अच्छा मान रहे हैं। नये वेज कोड से कर्मचारियों की ग्रैच्यूटी भी बढ़ जायेगी। इसका भी कर्मचारियों को फायदा होगा।

प्राइवेट सेक्टर में सीटीसी से ही अभी पीएफ की कटौती होती है। सीटीसी के कई पार्ट होते हैं। बेसिक सैलरी, एचआरए, रिटायरमेंट बेनिफिट्स, अलाउंस के जरिये ही कर्मचारियों के वेतन तय होते थे। पुरानी सैलरी में मूल वेतन का 35 से 40 प्रतिशत होता था। बेसिक सैलरी के आधार पर पीएफ का डिडक्शन होता था। नियमों के मुताबिक कंपनी का मालिक और इम्प्लाई दोनों अपनी अपनी तरफ से 12-12 प्रतिशत देते थे। मौजूदा वेज कोड की बात करें तो अगर किसी की सैलरी 25 हजार रूपये हैं तो पीएफ में उसका योगदान 3000 रूपये होगा। इतना ही योगदान कंपनी भी 3000 देगी। हालांकि कई कंपनियां इसमें अलग-अलग रास्तों को अपना अपना कंट्रीब्यूशन कम कर देती है।

HPBL Desk

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