लातेहार बूढ़ा पहाड़ पर इस बार पुलिसिया कारवाई पूर्व की अन्य कारवाई से अलग है। इस बार सुरक्षा बल के जवानों ने नक्सलियों को बूढ़ा पहाड़ से उखाड़ फेंकने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सबसे सुरक्षित माने जाने वाले पनाहगार में अब नक्सलियों की खैर नहीं है अब बूढ़ा नदी पर बनाया गया है वैकल्पिक लातेहार। अभियान के दौरान बूढ़ा नदी का पानी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आती थी। पानी का स्तर बढ़ने के बाद अभियान धीमा पड़ जाता था।

बूढ़ा नदी पर पुल बनाते

इसी परेशानी को देखते हुए एसपी अंजनी अंजन ने बूढ़ा नदी पर बोरी बांध बनाने का निर्णय लिया। गुरुवार की सुबह 6 बजे से ही जिला पुलिस आईआरबी और सैट के जवानों के द्वारा उक्त नदी पर पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया। एसपी खुद मोर्चा संभाले हुए है। सीआरपीएफ और कोबरा के बटालियन क्षेत्र में मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं कई थानों के थानेदार पुल निर्माण कार्य मे सहयोग कर रहे है। इस पुल निर्माण के बाद तिसिया और नवाडीह गांव जुट जाएंगे जिससे हजारों ग्रामीणों को राहत होगी। अभियान के दौरान पहुँच पथ को लेकर होने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी। ऑपरेशन लोटस में पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य कर रही है।

इस बार पुलिस और सुरक्षा बलों का लक्ष्य नक्सलियों को बूढ़ा पहाड़ से उखाड़ फेंकना है। तिसिया और नावाडीह में पुलिस इस बार अभियान के साथ-साथ पिकेट की भी स्थापना करेगी। हर बार पुलिस के लिए चुनौती बना बूढ़ा पहाड़ पर फतह के लिए दो जगह पर पिकेट बना रही है। नावाडीह और तीसिया में फिलहाल यह पिकेट स्थापित होगा। पिकेट बनने से ग्रामीणों को भी राहत होगी। यहां से बूढ़ा पहाड़ शुरू हो जाता है। पिकेट बनने से काफी हद तक नक्सलियों पर अंकुश लग जाएगा। नक्सली से बूढ़ा पहाड़ हमेशा के लिए मुक्त रहेगा।

रिपोर्ट राम प्रवेश सिंह

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