गोड्डा में सांप काटने की दर्दनाक घटना: करैत सांप ने भाई-बहन को डसा, दोनों की मौत से गांव में मातम

Jharkhand: Painful incident of snake bite in Godda: Krait snake bites brother and sister, mourning in the village due to the death of both

झारखंड के गोड्डा में सर्पदंश से सगे भाई-बहन की मौत हो गई. मामला गोड्डा जिले के मुफस्सिल थानाक्षेत्र अंतर्गत सैदापुर गांव का है जहां करैत सांप के काटने से हीरालाल राउत और प्रियंका के 6 वर्षीय बेटे आदित्य और 9 वर्षीय बेटी स्तुति कुमारी की मौत हो गई.

एक ही परिवार के 2 मासूम बच्चों की आकस्मिक मौत से पूरा गांव गमगीन है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और गोड्ड़ा विधायक सह श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने मृत बच्चों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है.

बताया जा रहा है कि गोड्डा सदर अस्पताल में दोनों बच्चों का इलाज चला लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका. कहा जा रहा है कि बच्चों को काफी देरी से अस्पताल लाया गया था. इस दौरान एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. जानकर हर कोई हैरान है.

अस्पताल की जगह झाड़फूंक कराने ले गये
परिजनों के बयान से पता चला है कि पहले उन्हें आदित्य कुमार को सांप काटने की जानकारी मिली लेकिन, वे उसे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़फूंक करवाने ले गये. वहां आदित्य की हालत बिगड़ी तो अस्पताल लाया गया लेकिन उसने दम तोड़ दिया.

जब परिजन आदित्य का शव लेकर गांव पहुंचे तो बेटी स्तुति ने भी पैरों में जलन की शिकायत की लेकिन परिवार के ही किसी सदस्य ने कहा कि वह डर गयी है इसलिए ऐसा कह रही है. गांव गया वाहन वापस लौट गया और कुछ देर बाद स्तुति की हालत भी बिगड़ने लगी.

उसे भी गोड्डा सदर अस्पताल लाया गया. स्तुति को तत्काल स्लाइन चढ़ाया गया और ऑक्सीजन सपोर्ट भी दिया गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

अस्पताल में बच्चों की मां बदहवास दिखी
बच्चों की मौत पर अस्पताल में मां प्रियंका कुमारी बदहवास दिखी. बच्चों के पिता हीरालाल राउत मेहनत-मजदूरी करके परिवार की आजीविका चलाते हैं.

ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से बच्चों के परिवार को उचित मुआवजा देना चाहिए. अंत्येष्टि का इंतजाम भी करना चाहिए. ग्रामीणों ने गांव के आसपास ही सर्पदंश का इलाज की व्यवस्था करने की मांग की है.

गांव के ही एक चिकित्सक ने कहा कि परिजनों की तरफ से भी लापरवाही बरती गयी. सर्पदंश की जानकारी मिलने पर उनको झाड़फूंक कराने की जगह सीधे अस्पताल का रुख करना चाहिए था लेकिन उन्होंने भारी लापरवाही बरती.

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