समंदर के नीचे लगेंगे ‘स्मार्ट सेंसर’! भारत बना रहा हाईटेक सिस्टम, अब पहले ही मिलेगा सुनामी और भूकंप का अलर्ट

हिंद महासागर की गहराई में 275 किमी लंबा केबल नेटवर्क बिछेगा, INCOIS हैदराबाद में तैयार हो रही वॉर्निंग टेक्नोलॉजी

नई दिल्ली। भारत अब प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ एक और बड़ी टेक्नोलॉजिकल छलांग लगाने जा रहा है। बहुत जल्द देश को ऐसी अत्याधुनिक प्रणाली मिलने वाली है, जिससे सुनामी और भूकंप जैसी आपदाओं का पता पहले से लगाया जा सकेगा। इस परियोजना के तहत हिंद महासागर में 275 किलोमीटर लंबा स्मार्ट सेंसर युक्त केबल बिछाया जाएगा।

क्या है योजना?
यह महत्वाकांक्षी योजना हैदराबाद स्थित INCOIS (भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र) के नेतृत्व में बनाई जा रही है। INCOIS के निदेशक टीएम बालकृष्णन नायर के मुताबिक, वर्तमान में क्षेत्र की निगरानी ‘सुनामी बुओ’ से की जाती है, जिनके रख-रखाव में कई चुनौतियां हैं। यही कारण है कि अब अधिक विश्वसनीय और स्थायी समाधान की दिशा में काम हो रहा है।

कैसे काम करेगा ये सिस्टम?

इस प्रणाली के तहत एक स्मार्ट केबल अंडमान द्वीप समूह से लेकर अंडमान-निकोबार सबडक्शन जोन तक 2,500 मीटर गहराई में बिछाया जाएगा। इस केबल में कई उन्नत सेंसर लगाए जाएंगे जैसे:

  • बॉटम प्रेशर रिकॉर्डर (Bottom Pressure Recorder)

  • सीस्मोमीटर (Seismometer)

  • टिल्ट मीटर

  • हाइड्रोफोन

ये सेंसर समुद्र के नीचे होने वाली हलचलें जैसे भूकंपीय गतिविधियां, पनडुब्बी भूस्खलन और दबाव में अचानक बदलाव को रियल टाइम में ट्रैक करेंगे।

डेटा कहां जाएगा?

इन स्मार्ट सेंसर से प्राप्त सभी डेटा हैदराबाद में स्थित डेटा प्रोसेसिंग सेंटर में भेजा जाएगा। इसके अलावा अंडमान द्वीप पर तटीय स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा, जहां से स्थानीय अलर्ट जारी किए जा सकेंगे।

कब तक होगा लागू?

फिलहाल यह योजना प्रस्ताव के लिए अनुरोध (Request for Proposal) की स्थिति में है। एक बार स्वीकृति मिलते ही इस पर निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगी।

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