झारखण्ड : JMM में शामिल होने की चर्चा के बीच आज दुमका जाएंगी सीता सोरेन!

सीता सोरेन की घर वापसी की चर्चा तेज है. कहा जा रहा है वो 2 फरवरी को पार्टी के 45वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी का दामन थाम सकती है.

इसी बीच खबर ये भी आ रही है कि सीता सोरेन दुमका पहुंच गई है. जिसके बाद से कायसो के बाजार और भी गर्म हो गए है.
हालांकि उन्होंने इस पर कहा है कि वो दुमका इसलिए गई हैं क्योंकि उन्हें सरस्वती पूजा समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.
सीता सोरेन ने झामुमो में शामिल होने की चर्चा के बीच एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि आप दो फरवरी को गांधी मैदान में आयोजित झामुमो के कार्यक्रम में आ रही है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि घर मेरा अपना है. उससे थोड़े इनकार कर सकते है. वो तो अपना ही है सबकुछ. मेरा ही बनाया हुआ है.

यहां तक कहा कि आज भी सब वैसा ही है जैसा कल था. हालांकि झामुमो में शामिल होने की चर्चा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चर्चा करने वाले को चर्चा करने दीजिए. क्या है क्या नहीं, इसके बारे में तो सबकुछ समय बताता है. हम जहां है अभी वहां है. आगे समय परिस्थिति को कौन जनता है.

सीता सोरेन ने यह भी कहा कि भविष्य किसने देखा है. भविष्य की प्लानिंग वक्त पर छोड़ दिया है. वैसे भी नेताओं का एक जगह से दूसरी जगह आना – जाना तो लगा रहता है.

सीता सोरेन ने झामुमो से कब दिया था इस्तीफा?

पिछेल साल हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीता सोरेन ने झामुमो के सभी पदों से इस्तीफा दिया था. 19 मार्च को दिल्ली में जाकर बीजेपी मुख्यालय में विनोद तावड़े के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी.

भाजपा की सदस्यता लेते हुए उन्होंने क्या कुछ कहा था?

सीता सोरेन ने भाजपा ज्वाइन करने के बाद कहा था कि मोदी जी पर लोगों के विश्वास को देखते हुए इस परिवार में शामिल हो रही हूं. मैंने भी झारखंड में कई संघर्ष किया. 14 साल जेएमएम में रही. मेरे ससुर और दिवंगत पति की अगुआई में झारखंड अलग राज्य बना.

उनका सपना राज्य के विकास का था, लेकिन ये अधूरा रह गया। आज झारखंड की जनता बदलाव चाहती है. झारखंड को झुकाना नहीं बचाना है, इसलिए मैं भाजपा में शामिल हुई. मुझे उम्मीद है कि मेरे पति का सपना पूरा होगा.

सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे में कई आरोप लगाए थें

सीता सोरेन ने दिशोम गुरू शिबू सोरेन को इस्तीफा सौंपा था. सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे के वक्त जो आरोप लगए थें उसे में पढ़ना कर बताना चाहूंगी. सीता सोरेन नि इस्तीफे में लिखा था मैं सीता सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की केन्द्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्तमान विधायक हूं, आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा पेश कर रहीं हूं.

मेरे स्वर्गीय पति, दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहा. पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ादायक रहा है.

मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेंगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ झारखंड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समर्पण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था आज वह पार्टी नहीं रहीं मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते.

लेकिन अब चर्चा है कि वो भाजपा छोड़ झामुमो में 2 फरवरी को शामिल हो सकती है.

कब से यें चर्चा शुरू हुई?

शिबू सोरेन के जन्मदिन पर सीता सोरेन को सोरेन परिवार के साथ देखा गया था. जिसके बाद से ही कयास लगने लगे की जल्द ही सीता सोरेन की घर वापसी हो सकती है.

कहा ये भी जा रहा है कि अगर सीता सोरेन पार्टी में शामिल होती हैं तो उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है.

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