पटना: “…सर जाने दीजिये ना मम्मी को… हमलोग पैदल आये हैं सर, इसलिए देर हो गया”.. BPSC की परीक्षा देने 5 मिनट की देरी से समता कुमारी पहुंची….तब तक एग्जाम सेंटर का गेट बंद हो चुका था। समता कुमारी अपने पति और तीन बच्चों के साथ पैदल परीक्षा देने आयी थी, ऐसे में सेंटर का दरवाजा बंद देख वो रूआंसा हो गयी..।

दरअसल अपने पति और तीन बच्चों के साथ समता कुमारी शेखपुरा नगर के संजय गांधी महिला महा विद्यालय के परीक्षा केंद्र पर समय से देर से पहुंची। 11 बजे तय समय के मुताबिक गेट बंद हो गया। ऐसे में समता कुमारी और उनके बच्चे गेट पीटने लगे और अंदर दाखिल होने की इजाजत की गुहार लगाने लगे। महिला और बच्चे की आवाज सुनकर अधिकारी दरवाजे पर पहुंचे तो महिला ने देरी की वजह बतायी।

महिला की बातों को सुनकर मजिस्ट्रेट और केंद्राधीक्षक ने परीक्षार्थी को केंद्र में अंदर आने की इजाजत दे दी। अधिकारियों को महिला ने बताया कि वो यहां से दो किलोमीटर दूर रहती है। गरीब होने की वजह से वो पैदर ही परीक्षा सेंटर आयी, इसकी वजह से वो कुछ लेट हो गयी। बंगालीपारा मोहल्ला की रहने वाली समता कुमारी पति सतेंद्र कुमार के साथ रहती है। समता कुमारी को पति खूब पढ़ा रहे हैं। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले सत्येंद्र की पत्नी समता कुमारी भी ट्यूशन पढ़ाती है। समता प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही है। एक बार पहले भी बीपीएससी की परीक्षा दे चुकी है। वहीं इस बार बिहार सरकार के द्वारा अति पिछड़ा वर्ग के लिए शहर के रामाधीन कॉलेज में संचालित सरकारी कोचिंग की व्यवस्था में बीपीएससी की तैयारी भी की है । सत्येंद्र बताते हैं कि समता 10 वर्ष का शुभम, 7 वर्ष का शिवम और 4 वर्ष की सुष्मिता की मां है परंतु वह कभी हिम्मत नहीं हारती। खगड़िया कालेज से स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई भी समता कर रही है।

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