पटना। बागेश्वर बाबा का 5 दिवसीय हनुमान कथा का समापन पटना के नौबतपुर में बुधवार को हो गया। इस दौरान भक्तों को कितना फायदा हुआ, वो तो भक्त ही जाने, लेकिन दुकानदार खूब मालामाल हुए। एक आकलन के मुताबिक स्थानीय दुकानदारों ने 5 करोड़ रुपए के नारियल, चुनरी, सिंदूर और लौंग बेच दिए। इसके अलावे खाने-पीने की दुकान, होटल, रेस्टोरेंट सहित ठेले खोमचे वालों ने भी हर दिन हजारों कमाये।

खुद बागेश्वर बाबा ने कहा था कि बिहार जैसा आस्था का सैलाब उन्होंने कहीं नहीं देखा। 10 लाख से ज्यादा भक्तों ने अपनी मनोकामना को लेकर अर्जी लगायी। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में 24 घंटे में 10 लाख से ज्यादा अर्जी लगी है। अर्जी लगाने वालों की भीड़ को देखते हुए मठ को शिफ्ट के हिसाब से कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी पड़ी थी। अर्जी लगाने वालों ने 21 दिनों तक बिना लहसुन, प्याज खाए और 2 महीने में बागेश्वर बाला जी के दर्शन का संकल्प लिया है। दावा है कि इस नियम का पालन करने वालों की न सिर्फ मनोकामनाएं पूरी होगी, बल्कि उनकी जिंदगी के सारे सकंट भी कट जाएंगे।

पटना के नौबतपुर में आयोजित हनुमंत कथा के दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। आलम ये था कि बाबा को खुद ही भक्तों से अपील करनी पड़ी की वो पंडाल में ना आये। 15 मई को दिव्य दरबार लगाया था। दरबार को लेकर ही श्रद्धालुओं ने तरेत मठ की भूमि पर स्थापित विशालकाय हनुमान जी की मूर्ति के पास अर्जी लगानी शुरू कर दी। यहां अर्जी का रिकॉर्ड टूट गया। एक दिन यानी 24 घंटे में 10 लाख से अधिक अर्जी लग गई। तरेत पाली मठ में 24 घंटे में 10 लाख अर्जी लगी। अर्जी वाली पोटली में एक नारियल, सिंदूर, लौंग और चुनरी थी। जिसे स्थानीय दुकानदारों ने 50 रुपए में बेचा। हालांकि, कुछ लोग नारियल और पूजा सामान अपने साथ भी लेकर आए थे।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में अर्जी का विशेष महत्व है। बाबा की पहचान दिव्य दरबार और अर्जी से ही है। यही कारण है कि दिव्य दरबार में लाखों लोग पहुंच गए। मान्यता है कि बाबा के दरबार में जिसकी अर्जी लग गई, वो हर समस्या के बंधन से पूरी तरह से मुक्त हो जाता है। इधर तरेत मठ में हनुमान जी की मूर्ति के पास चारों तरफ नारियल और चुनरी का पूरा ढेर हो गया है। दिव्य दरबार के दिन 10 लाख से अधिक अर्जी लगी है। हालांकि, पहले से भी लोग अर्जी लगा दे रहे थे। इसके अलावा 5 से 7 लाख अर्जी पहले लगाई गई है। जो नारियल यहां लाया गया है, वो सब यहीं पड़ा रहेगा। मठ के आचार्य के मुताबिक यह किसी की अर्जी लगाई गई है, इसका कहीं उपयोग नहीं हो सकता है। सब प्रसाद हनुमान जी के चरणों में है, बागेश्वर बाला जी सभी की मनोकामना पूरी करेंगे।

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