बिहार मंत्रिमंडल में चौकाने वाला फैसला: ये बड़े नाम हुए बाहर, चेहरे पर छाई मायूसी

पटना: बिहार में नीतीश कुमार ने गुरुवार को नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण कराया। इस बार की सूची ने कई राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पुराने और नए मंत्रियों की कट-छंटाई ने कई लोगों के चेहरे पर मायूसी ला दी।
कौन हुए बाहर:
जीवेश कुमार: दरभंगा से तीसरी बार विधायक चुने गए बीजेपी के जीवेश कुमार, जिन्हें पिछली कैबिनेट में श्रम संसाधन और सूचना प्रावैद्यिकी विभाग का जिम्मा मिला था, इस बार मंत्री नहीं बन सके।
राजू तिवारी: लोजपा के चिराग पासवान के खास नेताओं में शामिल राजू तिवारी का भी सपना अधूरा रहा। गोविंदगंज सीट जीतने के बावजूद उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।
मैथिली ठाकुर: लोकगीत गायिका और पहली बार बीजेपी से जीतने वाली मैथिली ठाकुर को भी राज्य की सबसे युवा मंत्री बनने का मौका नहीं मिला।
कृष्ण कुमार ऋषि: बनमनखी से बीजेपी विधायक केके ऋषि, जो 2020 की कैबिनेट का हिस्सा थे, इस बार भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाए।
प्रेम कुमार: गया से 9 बार विधायक प्रेम कुमार का नाम भी चर्चा में था। हालांकि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन सूत्रों के अनुसार उनके लिए नई और बड़ी जिम्मेदारी इंतजार कर रही है। कहा जा रहा है कि प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के नए स्पीकर होंगे।
नीतीश सरकार के नए मंत्रिमंडल ने स्पष्ट कर दिया कि सिर्फ जीतना ही काफी नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरण और भरोसे का खेल भी मायने रखता है। वहीं, जिन नेताओं को उम्मीद थी कि वे मंत्री बनेंगे, उनके चेहरे पर मायूसी साफ देखी गई।









