राष्ट्रीय लोक अदालत में 1842 वाद का निस्तारण, 4.5 करोड़ का समझौता… जिला जज ने कहा विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यों को मिल रही है पहचान

औरंगाबाद – जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने कार्यो के लिए जिले की जनता में अपना स्थान बना रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद में तथा अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में किया गया। इस राष्ट्रीय लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में किया गया, जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव, जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक सह प्राधिकार के सदस्य कान्तेश कुमार मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ब्रजेश कुमार पाठक, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव, प्रणव शंकर द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया गया।

इस उद्घाटन समारोह में काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, अन्य विभागो के पदाधिकारी तथा बहुत संख्या में वादी भी उपस्थित रहे। पुरे कार्यक्रम का संचालन रिटेनर अभिनन्दन कुमार के द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र के बाद मंच पर उपस्थित सभी पदाधिकारियों को बुके देकर सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर ने कहा कि कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश का मार्गदर्शन तथा जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक का सहयोग हमें प्राप्त होता रहता है। तथा इस व्यस्त कार्यक्रम के बीच उपस्थित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। साथ ही मीडिया तथा प्रेस के बन्धुओं के साथ-साथ इस राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन सत्र में आये तमाम पदाधिकारियों के साथ-साथ वादियों का भी स्वागत किया गया। जिनके सहयोग के बिना इस राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता की कामना भी नहीं की जा सकती है।

इस सम्बोधन के पश्चात् अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो के द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि आज के दिन हमसब मिलकर वादों का निस्तारण करवाते हैं। प्रत्येक मनुष्य के अन्दर अपनी अन्तरात्मा की आवाज होती है और उसी के आधार पर कानून का निर्माण होता है और कानून का उद्देष्य से मानव का कल्याण हो और उसी का दृष्टिकोण रखकर सारे कानून बनाये जाते हैं।संविधान में मौलिक अधिकार है और इसमें भी मानव कल्याण की बात ही गयी है और हम सब का ध्येय भी यही है और इस राष्ट्रीय लोक अदालत को अध्यात्म की तरह लें यहां नाराजगी का कोई स्थान नहीं। आपका वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होता है तो इसमें किसी को कोई नराजगी का प्रश्न ही नहीं है। राष्ट्रीय लोक अदालत को राष्ट्रीय न्यायिक त्योहार की तरह मनायें जो सिर्फ खुशी देती है।

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पुलिस अधीक्षक सह प्राधिकार के सदस्य कान्तेश कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोक अदालत का शाब्दिक अर्थ ही जनता के लिए होता है और इस परिप्रेक्ष्य में देखे तो आज की तिथि काफी महत्वपूर्ण है। अपने सवा साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि बहुत सारी चुनौती आती रहती है और राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वह दिन है जहां एक ही दिन में काफी वादों का निपटरा हो जाता है। और इसमें सभी का सहभागिता रहती है और हम भी इस कार्य के लिए प्रतिबद्ध हैं और अन्तिम व्यक्ति तक न्यायालय पहूँचे इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार लगातार कार्य कर रहा है।

जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष सौरभ जोरवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिछले कई राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हमने देखा है और यह आम चर्चा है कि इससे सबसे ज्यादा लाभ यहां के नागरिको को प्राप्त हुआ है। न्याय की जो पहल है वह लगातार चल रही है और औरंगाबाद जिला इसके लिए बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने अपने सम्बोधन में इस बात को भी कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार अपने कार्यो के लिए न सिर्फ जिले में बल्कि राज्य स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है तथा आज राष्ट्रीय लोक अदालत में यहां से बहुत से नागरिक संतुष्ट होकर जायेंगें और इस न्यायिक पहल के लिए सभी का स्वागत किया गया।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष ने कहा की जिला विधिक सेवा प्राधिकार का कार्यक्रम लगातार चलता रहता है और आज उसी कड़ी का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होता है। और इसमें सक्रिय योगदान के लिए जिला पदाधिकारी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। तथा युवा पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जन-जन तक नोटिस पहूँचाने में दिये गये योगदान की सराहना की गयी। जिनके द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के मिशन को प्रतिदिन अपने समाचार-पत्र में प्रमुख स्थान देते हुए सुदूरवर्ती गाॅवों तक पहुॅचाने का काम किया है और भविष्य में उनका सक्रिय सहयोग मिलता रहे ऐसी कामना की गयी।

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बैंक के पदाधिकारियों द्वारा कदम से कदम मिलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए किये गये कार्यो की सराहना की गयी। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन अपने-आप में सर्वोच्च है जिसमें निपटाये गये मामलें का कहीं कोई चुनौती नहीं दी जा सकती है। जिला जज ने कहा कि परिवारिक वादों के निस्तारण में हमारा जिला अव्वल रहा है और आगे भी अव्वल रहे इसके लिए सम्मिलित प्रयास आवश्यक है।

अपने सम्बोधन में जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी द्वारा कहा गया कि प्राधिकार भवन के उद्घाटन के बाद से ही अपने कार्यो, लक्ष्यों एवं कर्तव्यों का पुरा निर्वह्न करता आ रहा है। विधि संघ के अध्यक्ष द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकार को प्रत्येक कार्यक्रम में भरपुर सहयोग मिलता है और इससे सम्बधित प्रत्येक गतिविधि में वे स्वयं बढ़चढ़कर रूचि लेते हैं।

कार्यक्रम में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन सुदीप पाण्डेय न्यायिक दण्डाधिकारी द्वारा किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ साथ स्वास्थ जाँच शिविर का आयोजन विधिक सेवा सदन में किया गया। जिसमे सुगर, बीपी, के साथ साथ चिकित्सीय जाँच और दवा का वितरण,इत्यादि प्रमुख सुविधाओं से वादकारियों के साथ साथ सभी उपस्थित लोगो ने लाभ उठाया|

स्वास्थ शिविर सिविल सर्जन के नेतृत्व में, डॉ. प्रवीण कुमार, चिकित्साकर्मी प्रियंका वर्मा, नेहा कुमरी, पूजा कुमारी, रिंकू कुमारी, नीरू कुमारी, रेखा कुमारी, पूनम कुमारी के अलावे मंटू कुमार के प्रबंधन में स्वास्थ जाँच में अहम योगदान दे कर 153 लोगो का स्वास्थ जाँच के साथ साथ 8 लोगो को बेहतर चिकित्सा हेतु रेफर किया गया|

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1842 वाद का निष्पादन के साथ कुल 4.5 करोड़ का समझौता कराया गया
राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 07 वादों में कुल 48 लाख रूपये का समझौता कराया गया| जिसमे सभी की भूमिका बेहद ही सराहनीय रही| पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 06 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 193 वाद, एन आई एक्ट के 02, टेलीफ़ोन के 7 मामलों में 31 हजार का समझौता, माप तौल 01 मामला 5 हजार इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 397 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 1230 मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 4 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया इस तरह कुल 1842 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 4.5 करोड़ रूपये का समझौता कराया गया

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इस पुरे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने में प्राधिकार के कर्मी सुनील कुमार सिंह, परसुराम कुमार सिंह, संजय कुमार, टेक्निकल स्टाफ सुनील कुमार सिन्हा, अर्पणा सहाय और सहयोगी नवरतन कुमार, गीता कुमारी, कुंदन कुमार सहित सभी अर्धविधिक स्वयं सेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही|

रिपोर्ट – प्रमोद कुमार सिंह

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