औरंगाबाद सुरक्षाबलों द्वारा मदनपुर थाना क्षेत्र के बंदी, करीबा डोभा, पचरुखिया एवं इसके आसपास के जंगलों में नक्सलियों के विरुद्ध छापेमारी अभियान चलाया गया। इस छापेमारी में सीआरपीएफ, कोबरा और स्थानीय पुलिस ने मिलकर नक्सलियों के मंसूबे को नाकाम किया। पुलिस को नक्सलियों के जमावड़े की एवं उनके द्वारा सुरक्षा बलों पर हमले किए जाने की योजना बनाएं जाने की गुप्त सूचना प्राप्त हुई और सीआरपीएफ,कोबरा को
सूचना मिलते ही औरंगाबाद के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा एवं कोबरा 205 के समादेष्टा श्री कैलाश के संयुक्त निर्देशन में 159 वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी बी एस भाटी, उप समादेष्टा ओम प्रकाश यादव, सहायक समादेष्टा नीरज कुमार तथा 47 वाहिनी सीआरपीएफ, एसटीएफ एवं स्थानीय पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में कार्रवाई करते हुए उक्त जंगली क्षेत्रों में सघन छापेमारी अभियान चलाया गया।


तत्पश्चात सुरक्षाबलों की गतिविधियों को देखकर जंगलों में छुपे हुए नक्सलियों को भागने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान जवानों ने नक्सलियों के लेवी रसीद, कई केन बम, कई नक्सल साहित्य, 9 एमएम के 52 कारतूस, 7.62 एमएम के 198 कारतूस, दो एंड्राइड मोबाइल, 8 फ्लैश कैमरा, 63 बेसिक मोबाइल, 50 सिमकार्ड सहित कई सामग्रियों को बरामद किया।

गुरुवार को समाहरणालय के पुलिस कक्ष में प्रेस वार्ता करते हुए एसपी ने उक्त बातों की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के द्वारा सुरक्षाबलों पर हमले की योजना बनाई जा रही थी। जिसकी जानकारी मिलते हैं मदनपुर के जंगलों में चारों तरफ से छापेमारी की गई। जिसके कारण नक्सली अपने हथियार, कारतूस,
नक्सली जपन हायवार, कारतूस एवं अन्य सामग्री को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए।
एसपी ने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगी जब तक मदनपुर के जंगलों को नक्सल मुक्त न कर दिया जाए। गौरतलब है कि पूर्व में भी सुरक्षाबलों एवं स्थानीय पुलिस के द्वारा नक्सलियों के कई बंकर ध्वस्त करते हुए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियां एवं खाद्य सामग्रियां बरामद की गई थी।

एसपी ने बताया कि सभी सामग्रियों को बरामद करते हुए मदनपुर थाना लाया गया एवं वहां 10-15 अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उनके धरपकड़ के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

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