झारखंड में ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति का मामला…दो साल से नहीं मिला पैसा, छात्रों ने किया आंदोलन का ऐलान
Jharkhand's OBC student scholarship issue: Students haven't received their money for two years, and they've announced a protest.

Ranchi: झारखंड में लाखों अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) छात्रों को बीते दो वर्षों से छात्रवृत्ति नहीं मिलने से गहरी नाराजगी पनप रही है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्र अब आंदोलन की तैयारी में हैं, जबकि राज्य सरकार ने केंद्र पर 900 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी जारी न करने का आरोप लगाया है।
अक्टूबर की समीक्षा बैठक में बताया गया था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-25 तक राज्य का लक्ष्य 11,34,183 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का है। अब तक 7,45,557 छात्रों के खातों में 1,202 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं, पर शेष छात्रों को राशि न मिलने से संकट बढ़ता जा रहा है।
राज्य ने केंद्र पर लगाया देरी का आरोपः
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने स्पष्ट किया कि छात्रवृत्ति का हिस्सा केंद्र और राज्य के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा अपना अंशदान देने के बाद केंद्र का हिस्सा स्वतः जमा होने वाली एक नई प्रणाली लागू की जा रही है, जिससे देरी की समस्या दूर होगी।
छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा असर:
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) के कई छात्रों ने अपनी परेशानियां खुलकर रखीं। छात्रों ने बताया कि फीस चुकाने और किताबें खरीदने में बेहद मुश्किल हो रही है। छात्रवृत्ति बंद होने से आगे की पढ़ाई को लेकर चिंता बढ़ गई है।
27 नवंबर को विरोध प्रदर्शन की तैयारी:
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (आजसू) ने कॉलेजों में जनसंपर्क अभियान चलाकर 27 नवंबर को “शिक्षा के लिए भीख” विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। सदस्य कटोरों के साथ सड़कों पर उतरकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराएंगे। छात्र संगठन अबुआ अधिकार मंच के अभिषेक शुक्ला ने चेतावनी दी कि “यदि राशि वितरण को लेकर ठोस कदम नहीं उठे तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।
इसी मुद्दे को लेकर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने 11 नवंबर को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से भी मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की है। लंबी देरी से छात्रों की शैक्षणिक यात्रा प्रभावित हो रही है, और अब यह मुद्दा राजनीतिक एवं सामाजिक स्तर पर भी उभर चुका है।









