WhatsApp का डरावना सच: 3.5 अरब नंबर लीक…आपकी प्राइवेसी अब सुरक्षित नहीं…

WhatsApp पर बड़ा डेटा झटका: 3.5 बिलियन मोबाइल नंबर हुए लीक, Meta की चूक फिर सामने

इंस्टेंट मैसेजिंग की दुनिया में लोकप्रिय WhatsApp ने हाल ही में अपने यूजर्स के लिए एक बड़ा सुरक्षा संकट पैदा कर दिया है। रिसर्चर्स ने दावा किया है कि लगभग 3.5 बिलियन अकाउंट्स के मोबाइल नंबर ऑनलाइन लीक हो गए हैं, यानी दुनिया भर के बड़े और छोटे यूजर्स का नंबर अब इंटरनेट पर उपलब्ध हो सकता था।

आश्चर्यजनक बात यह है कि यह लीक हैकिंग अटैक के कारण नहीं हुआ, बल्कि WhatsApp की पेरेंट कंपनी Meta की पुरानी लापरवाही इसका मुख्य कारण रही। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार यह सुरक्षा खामी 2017 से मौजूद थी, और वर्षों तक इसे नजरअंदाज किया गया।

University of Vienna के शोधकर्ताओं ने सिर्फ आधी घंटे में अमेरिका के 3 करोड़ से ज्यादा नंबर हासिल कर लिए थे। हालांकि, उन्होंने इस डेटा को सुरक्षित रूप से डिलीट किया और Meta को तुरंत सूचित किया।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह खामी तकनीकी रूप से “साधारण” थी, लेकिन अगर इसे कोई साइबर अपराधी भुनाता, तो यह इतिहास का सबसे बड़ा डेटा लीक बन सकता था। समस्या WhatsApp के नंबर वेरिफिकेशन प्रोसेस में निहित है। ऐप यह पहचानने की प्रक्रिया करता है कि कौन सा नंबर WhatsApp इस्तेमाल करता है। इस प्रक्रिया में सेंध लगने की संभावना है, जिससे लाखों नंबर आसानी से एक्सेस किए जा सकते हैं।

Meta अब इस खामी को Bug Bounty Program के तहत ठीक करने का दावा कर रहा है। कंपनी का कहना है कि University of Vienna के सहयोग से यह मुद्दा उजागर हुआ और अब इसे ठीक किया जा रहा है।

लेकिन सवाल यही है कि यह खामी आठ साल तक अनदेखी क्यों रही? सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना एक चेतावनी है कि दुनिया की सबसे बड़ी मैसेजिंग ऐप्स में भी डेटा सुरक्षा हमेशा खतरे में रहती है। यूजर्स को भी सतर्क रहने और अपनी निजी जानकारी साझा करने में सावधानी बरतने की जरूरत है।

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