रांची: ऐसा कई बार देखा गया है कि कार दुर्घटना के बाद उसमें आग लग जाती है और उसमें सवार लोग झुलस जाते हैं। ऐसा भी होता है कि एक्सीडेंट के बाद गाड़ी का दरवाजा नहीं खुलता और बचे लोगों की मौत दम घुटने से हो जाती है। सवाल यह है कि आखिर ऐसा होता क्यों है। असल में इसके पीछे का कारण गाड़ी के सेंट्रल लॉक का जाम होना या ठीक से कामना करना है।

इस स्थिति में गाड़ी के सभी दरवाजे लॉक हो जाते हैं, जिसे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। ऐसा किसी भी गाड़ी के साथ हो सकता है और इससे बचने के तरीकों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कार दुर्घटना के समय इस के लॉक होने के पीछे की असल वजह क्या है और ऐसी स्थिति में कौन सी चीजें करनी चाहिए।

कार के एक्सीडेंट होने के बाद जब इसमें आग लग जाती है तो इसके ज्यादातर इलेक्ट्रिक पार्ट्स में शॉर्ट सर्किट हो जाती है। इसलिए सबसे पहले कार के पावर विंडो, सीट बेल्ट और सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति कार में ही फंसा रह जाता है।

ऐसी स्थिति में अगर आग लगने से जान भी जाती है तो केबिन में पहला कार्बन मोनोऑक्साइड सवार की जान ले लेता है। ऐसे में एक्सपर्ट का मानना है कि अगर गाड़ी है उस समय कुछ जरूरी चीजें हो तो उसमे सवार लोगों की जान बचाई जा सकती है।

हथौड़ी

एक्सीडेंट के समय ऐसी स्थिति से बचने के लिए कार्य में हमेशा दौड़ी को रखें या कार के शीशे को तोड़ने में मदद करेगा और आप दम घुटने से बस सकते हैं।

सीट बेल्ट कटर

सेंट्रल लॉक होने पर कार की सीट बेल्ट लॉक हो जाती है ऐसे में सीट बेल्ट कटर के होने से आप आसानी से बेल्ट को काट कर निकल सकते हैं। अगर सीट बेल्ट कटर नहीं है तो आप कैंची या ब्लेड जैसी चीजों को जरूर रखे।

अग्निशामक

कार में आग लगने की स्थिति में अग्निशामक आग को काबू पाने में आपकी मदद कर सकता है। इसलिए कार में छोटा अग्निशामक जरूर रखें।

विंडो ग्लास ब्रेकर

दुर्घटना होने के बाद कई बार कर के दरवाजे भी लॉक हो जाते हैं। ऐसे में विंडो ग्लास ब्रेकर के रहने से शीशे को तोड़ा जा सकता है और बाहर निकला जा सकता है।

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