झारखंड: “जिंदगी भर बेदाग रहा…पैसा नहीं कमाया” और ऐसा सिला, रिम्स के पू्र्व डायरेक्टर पहुंचे कोर्ट, बोले, इस्तीफा देने बोल देते….तो तुरंत..

झारखंड: रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार की बर्खास्तगी के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। पहले मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और अब मामला कानूनी मोड़ लेता दिख रहा है। रिम्स निदेशक ने खुद पर लगे आरोपों के बीच हाईकोर्ट की शरण ली है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेदाग जिंदगी जी है, कभी करप्शन का आरोप नहीं लगा, लेकिन जिन आरोंपों के साथ उन्हें हटाया गया है, उसके बाद लगता है कानून का रास्ता अपनाना चाहिये।

डॉ राजकुमार को पिछले दिनों राज्य सरकार ने गंभीर आरोपों के साथ निदेशक पद से बर्खास्त कर दिया था। डॉ राजकुमार ने कहा कि रिम्स गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में या उसके बाद भी इस्तीफा देने को कहा जाता तो, वो इस्तीफा दे देते, लेकिन जिन आरोपों के साथ उन्हें अपमानित कर हटाया गया, ऐसे में उनके पास कोर्ट में शरण लेने के अलावे कोई और चारा नहीं बचता है।

डॉ राजकुमार ने कहा कि जिंदगी भर सही काम किया। कभी किसी से एक पैसा नहीं लिया, प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं की। इसके बावजूद अग ऐसा आरोप लगाया जा जाता है, तो ये बहुत ही दुखद है। उन्होंने कहा कि उन्हें बात तक रखने का मौका नहीं दिया गया। अगर इस्तीफा देने कहा जाता, तो वो तुरंत इस्तीफा देकर चले जाते।

उन्होंने कहा कि ये याचिका किसी के खिलाफ नहीं है। वैसे भी जो खुद प्रताड़ित हो, वो किसी के खिलाफ क्या जायेगा। वो तो बस न्याय के लिए कोर्ट आये हैं। उसी वक्त अगर इस्तीफा देने के लिए बोल देते, जिस वक्त इस्तीफे की पेशकश की होती, तो चले जाते उत्त उनके पास कुछ ज्यादा सामान भी नहीं था। एक कार लेकर आये थे, यहां एक सेकेंड हैंड कार लिये थे। दोनों कार में सामान आ जाता।

उन्होंने कहा कि पूरी जिंदगी डिग्नीफाइड लाइफ जी है, प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं की, पैसा नहीं कमाया। कुर्सी में भी रहा, लेकिन कोई नहीं कह सकता, कि किसी का पैसा खाया हो। अगर ईमानदारी से काम करके और देश के लिए काम करके भी दोषी साबित होना पड़ेगा तो ये उचित नहीं है।

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