रायपुर। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट से बीएड अभ्यर्थियों को झटका लगने के बाद अब एक राहत की खबर भी आयी है। छत्तीसगढ़ में चल रहे शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल होने की इजाजत मिल गयी है। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट में भी एक केस चल रहा है। अगर शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन होता है, तो वो चयन हाईकोर्ट के फैसले के अधीन होगा।

राजस्थान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आये फैसले के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गयी थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजस्थान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ में भी बीएड अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। लेकिन इस मामले में कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की लगी रोक पर अभ्यर्थियों को राहत देते हुए सहायक शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग में शामिल होने की इजाजत दे दी।

अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सहायक शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाईन काउंसिलिंग में बी.एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थी को शामिल किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसे लेकर निर्देश भी जारी कर दिया है, जिसके तहत ऑनलाईन काउंसिलिंग में 1 से 7 सितंबर तक पूर्व में जारी कट ऑफ रैंक के भीतर आने वाले बी.एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थी भाग लेंगे। केवल अनुसूचित जाति बहुविकलांग वर्ग (एमसी) में 117667 कट ऑफ रैंक के भीतर के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है।

सहायक शिक्षक पद पर होने वाली समस्त नियुक्तियां हाई कोर्ट में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.एस. 5788/2023 एवं माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के एस.एल.पी. (सिविल) डायरी नम्बर 35325/2023 में पारित निर्णय के अधीन रहेगी।

गौरतलब है कि हाई कोर्ट द्वारा याचिका कमांक डब्ल्यू.पी.एस. 5788/2023 में 21 अगस्त 2023 को पारित आदेश में सहायक शिक्षक पद के लिये डी.एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने आदेशित किया गया था और बी.एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रक्रिया में स्थगन दिया गया था। इस स्थगन आदेश के परिपेक्ष्य में ऑनलाईन काउंसिलिंग प्रक्रिया 23 अगस्त 2023 से 30 अगस्त 2023 तक सायं 5.00 बजे तक की गई थी। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इसेे 07 सितम्बर 2023 सायं 05.00 बजे तक बढ़ाया गया है। हाई कोर्ट में पारित आदेश 21 अगस्त 2023 के विरूद्ध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगन दिया गया है।

अतः 01 सितंबर 2023 से 07 सितंबर 2023 तक पूर्व में जारी कट ऑफ रैंक के भीतर आने वाले बी.एड. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ऑनलाईन काउंसिलिंग प्रकिया में शामिल किया जा रहा है, केवल अनुसूचित जाति बहुविकलांग वर्ग (एमसी) में 117667 कटऑफ रैंक के भीतर के अभ्यर्थियों को भी नियमानुसार शामिल किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया है छत्तीसगढ़ के संदर्भ में आदेश

छत्तीसगढ़ के बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड.) डिग्री धारकों को अस्थायी राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें बीएड उम्मीदवारों को सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा गया था।याचिकाकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रवीन्द्र श्रीवास्तव ,अधिवक्ता अंशुमान श्रीवास्तव और अधिवक्ता अभिजीत श्रीवास्तव ने पैरवी की ।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने देवेश शर्मा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के आधार पर आदेश पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि बी.एड. उम्मीदवार प्राथमिक विद्यालय शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के पात्र नहीं हैं क्योंकि उक्त पद के लिए निर्धारित योग्यता प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा (D.Fl.ED.) है।

याचिकाकर्ताओं ने यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि उच्च न्यायालय ने देवेश शर्मा के फैसले की गलत व्याख्या की। याचिकाकर्ताओं ने आगे तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने संभावित ओवर-रूलिंग के सिद्धांत पर विचार किए बिना, देवेश शर्मा के फैसले को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने में गलती की।
मौजूदा मामले में, 6285 सहायक शिक्षक के पदों को भरने के लिए विज्ञापन 4 मई,2023 को जारी किया गया था। परीक्षा 10 जून, 2023 को आयोजित की गई थी और परिणाम 2 जुलाई,2023 को घोषित किए गए थे और याचिकाकर्ताओं को इसमें शामिल किया गया था। सफल उम्मीदवारों की सूची में शामिल देवेश शर्मा मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 11 अगस्त 2023 को सुनाया गया। उसके बाद, कुछ डी.एड. उम्मीदवारों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का रुख किया । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि बी.एड. वाले उम्मीदवारों के संबंध में आगे की भर्ती प्रक्रिया सहायक अध्यापकों के पद हेतु अर्हता तत्काल प्रभाव से स्थगित रखी जायेगी। उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए, याचिका में असम लोक सेवा आयोग बनाम प्रांजल कुमार (2020) 20 एससीसी 680 के मामले का भी हवाला दिया गया, जिसमें यह माना गया था कि चयन की प्रक्रिया शुरू होने की तारीख में मौजूदा मानदंड चयन को नियंत्रित करेंगे और मानदंडों में बदलाव से चल रही प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी जब तक कि नए नियमों को पूर्वव्यापी प्रभाव न दिया जाए।

इन तर्कों के आधार पर, सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएस बोपन्ना और पीके मिश्रा की बेंच ने आदेश दिया: “इस बीच, यह ध्यान में रखते हुए कि भर्ती प्रक्रिया जो प्रगति पर थी, अब 21.08.2023 के विज्ञापन-अंतरिम आदेश से बाधित हो गई है और अंततः उच्च न्यायालय द्वारा जिस पहलू पर विचार किया जाना है वह उस तरीके से संबंधित है जिसमें इस न्यायालय द्वारा 2023 के सी.ए.नं.5068 में पारित निर्णय को माना जाना चाहिए, इस स्तर पर भर्ती प्रक्रिया को बाधित करना उचित नहीं होगा। इसलिए, उक्त सीमा तक, हम उच्च न्यायालय द्वारा पारित दिनांक 21.08.2023 के आदेश पर रोक लगाते हैं और स्पष्ट करते हैं कि भर्ती प्रक्रिया, जो उच्च न्यायालय द्वारा पारित उक्त अंतरिम आदेश की तारीख से पहले प्रक्रिया में थी, जारी रहेगी और हालाँकि, नियुक्तियाँ, यदि कोई हो तो, डब्ल्यू.पी.एस. में उच्च न्यायालय द्वारा किए जाने वाले विचार के परिणाम के अधीन रहेंगी। चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा इसकी सूचना दी जाएगी।”

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