झारखंड की पहचान पर सवाल: रांची नगर निगम के 15 पूर्व पार्षदों की मूल निवासिता की जांच होगी

Question on Jharkhand's identity: The domicile of 15 former councillors of Ranchi Municipal Corporation will be investigated

नगर निगम के 15 पूर्व पार्षद झारखंड के मूल निवासी है या नहीं है अब इसकी जांच होगी. नगर निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की पात्रता तय करने के लिए इन पूर्व पार्षदों के आवासीय पते का सत्यापन किया जाएगा. 2013 और 2018 निकाय चुनाव में जीतने वाले पूर्व पार्षद अत्यंत पिछड़ा वर्ग या पिछड़ा वर्ग से आते हैं, लेकिन इन्होने सामान्य सीट से चुनाव लड़ा था. इसीलिए इनकी जांच कराई जाएगी. क्योंकि उन प्रतिनिधियों को भी अत्यंत पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग का मान लिया गया है, जो झारखंड के मूल निवासी नहीं है.

जांच रिपोर्ट सौंपा जाएगा

रांची जिला प्रशासन ने बड़गाई सदर, नगड़ी, अरगोड़ा और हेहल अंचल के सीओ को उनके इलाके में आने वाले पूर्व पार्षदों के आवासीय पते का सत्यापन कर जांच रिपोर्ट देने को कहा है. रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि इन्होने अत्यंत पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग का लाभ सही तरीके से लिया है या नहीं. इसके बाद संबंधित वार्ड में आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

इन पूर्व पार्षदों की होगी जांच

2013 के चुनाव में जीतकर आने वाले वार्ड 16 के पूर्व पार्षद नाजिमा रजा, वार्ड 18 के गुलाम सरवर रिजवी, वार्ड 19 की आशा देवी गुप्ता, वार्ड 20 के श्रवण कुमार महतो, वार्ड 22 की सरिता देवी, वार्ड 25 के मोहम्मद असलम और वार्ड 44 की उर्मिला यादव.वहीं 2018 का चुनाव जीतकर आने वाले वार्ड 10 के अर्जुन यादव, वार्ड 18 की आशा देवी गुप्ता, वार्ड 20 के सुनील कुमार यादव, वार्ड 22 की नाजिमा असलम, वार्ड 41 की उर्मिला यादव, वार्ड 44 की फिरोज आलम, वार्ड 45 की नसीम गद्दी और वार्ड 52 के निरंजन कुमार के झारखंड के मूल निवासी होने की जांच होगी.

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